आरओ को दी जिम्मेदारी : राजस्थान प्रदूषण नियंत्रण मंडल के पूर्व अध्यक्ष ने सीईटीपी प्लांट पर मॉनिरिंग सिस्टम शुरू कराने के निर्देश दिए थे। स्थानीय आरओ इसके लिए हर महीने रिपोर्ट तैयार कर जयपुर स्थित मुख्यालय और दिल्ली भेजेंगे। वहीं अब सीईटीपी के पानी का पीएच, सीओडी, बीओडी और टीएसएस समेत कई मापदंडों की रिपोर्ट हर समय मिल सकेगी। ताकि पर्यावरण प्रदूषण न हो।
यह भी किया बदलाव :
प्रदूषण नियंत्रण मंडल प्रदेश में सर्वाधिक प्रदूषण फैलाने वाले 17 प्रकार के उद्योगों पर ऑनलाइन निगरानी रखेगा। राज्य प्रदूषण नियंत्रण मंडल ने सीईटीपी प्लांट छह से पानी को बाहर निकालने की क्षमता बढ़ा दी है। अब प्लांट से 11.75 एमएलडी पानी छोड़ा जा सकेगा। अब तक 10.75 एमएलडी पानी डिस्चार्ज की अनुमति थी। सीईटीपी फाउंडेशन के अनुरोध पर मंडल ने यह अनुमति जारी की है। वहीं प्रगति रिपोर्ट और प्लांट के संचालन का एक्शन प्लान भी 15 दिनों में जमा कराने के आदेश दिए हैं।
यहां दिसंबर तक कार्य पूरा होने की संभावना :
प्रदूषण नियंत्रण मंडल सदस्य सचिव उदय शंकर ने बताया कि एनजीटी के आदेश के बाद बालोतरा में नए साल की शुरुआत के साथ ही औद्योगिक क्षेत्र के कामकाज में काफी विस्तार होगा। 115 करोड़ की लागत से बनने वाला 18 एमएलडी का प्लांट दिसंबर अंत तक तैयार हो जाएगा। इससे 200 नई कपड़ा इकाइयां और जुड़ेंगी, जिससे हजारों श्रमिकों को रोजगार मिलेगा। वहीं माल का उत्पादन भी अधिक होने से सरकार का राजस्व भी बढ़ेगा। प्लांट का अधिकांश कार्य पूरा हो चुका है। प्लांट का 90 फीसदी पानी पुन: उपयोग में लेने से क्षेत्र में कई दशक से हो रहे जलदोहन से भी निजात मिलेगी।