उद्योग मंत्री ने बताया कि अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ. सुबोध अग्रवाल, आयुक्त उद्योग मुक्तानन्द अग्रवाल एवं रीको के एमडी आशुतोष पेडनेकर अपनी पूरी टीम के साथ नियमित मोनेटरिंग करते हुए अधिकारियाें को आवश्यक निर्देश जारी करने के साथ ही सकारात्मक हल निकाल रहे हैं।
सीएसआर फण्ड वाली औद्योगिक इकाई सामाजिक सरोकार पर ध्यान दें मीणा ने कि सीएसआर फण्ड वाली औद्योगिक इकाइयों को व्यापक सामाजिक सरोकारों को ध्यान में रखते हुए आगे आना आने के लिए कहा। सीएसआर कंपनी को कोरोना वायरस के कारण लॉक डाउन में आवश्यकता वाले क्षेत्रों, खास तौर से चिकित्सा सुविधाओं के विस्तारीकरण, मॉस्क-सेनेटाइजर, जरुरतमंदों को फूड पैकेट, पक्षियों के लिए दाना, पशुओं के लिए चारा आदि के लिए जिला कलक्टर या मुख्यमंत्री रीलिफ फण्ड मेें राशि उपलब्ध करावाने के लिए कहा।
स्वास्थ्य मानकों की पालना सुनिश्चित करना हमारी पहली प्राथमिकता अतिरिक्त मुख्य सचिव उद्योग डॉ. सुबोध अग्रवाल ने बताया कि अनुज्ञेय श्रेणी के उद्योगों को संचालन की अनुमति के साथ ही स्वास्थ्य मानकों की पालना सुनिश्चित करना हमारी पहली प्राथमिकता है। प्रक्रिया के सरलीकरण का ही परिणाम है कि राज्य में रीको व जिला उद्योग केन्द्रोें द्वारा 2 अप्रेल को ही एक दिन में ही 120 इकाइयों को अनुमति प्रदान की है। जबकि 2 अप्रेल तक आटा, तेल, दाल मिलों के अलावा प्रदेश में कुल मिलाकर 275 इकाइयों को संचालन की अनुमति दे दी है।
प्रदेश मेें 647 मिलें चालू आयुक्त उद्योग मुक्तानन्द अग्रवाल ने बताया कि प्रदेश मेें 647 आटा, दाल, तेल, मसाला मिलें उत्पादनरत है। इनमें 219 आटा मिलें, 120 दाल मिलें, 247 तेल मिलें और 70 मसाला मिलें चालू हैं। अग्रवाल ने बताया कि प्राप्त आवेदनाें पर छह घंटें में फैसला करने के निर्देशों का परिणाम है कि 2 अप्रेल से निर्णयों में तेजी आई है। उन्होंने बताया कि जिला उद्योग केन्द्रोे व रीको द्वारा अब तक 1642 कार्मिकों व श्रमिकों के पास जारी किए गए हैं। इनके अतिरिक्त जिले में काम करने के लिए 41 वाहनों के पास, अंतरराज्यीय 13 और अन्य राज्य से बाहर के लिए 3 अनुमति पास जारी किए जा चुके हैं।