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समिट स्थगित हुआ, लेकिन गति नहीं हो धीमी- रावत

locationजयपुरPublished: Jan 13, 2022 08:29:22 pm

Submitted by:

Pankaj Chaturvedi

समीक्षा बैठक में उद्योग मंत्री ने दिए निर्देशसीआइआइ ने भी अपनी सिफारिशें मंत्री को सौंपी

समिट स्थगित हुआ, लेकिन गति नहीं हो धीमी- रावत

समिट स्थगित हुआ, लेकिन गति नहीं हो धीमी- रावत

जयपुर. उद्योग मंत्री शकुंतला रावत ने कहा है कि भले ही इन्वेस्ट राजस्थान समिट कोरोना संक्रमण के चलते स्थगित हो गया हो, लेकिन इस कारण से निवेश के लिए मिले प्रस्तावों की प्रक्रिया धीमी नहीं होनी चाहिए।
रावत ने गुरुवार को विभाग की समीक्षा बैठक के दौरान अधिकारियों को इस बारे में निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि समिट के तहत मिले प्रस्तावों को जल्द से जल्द पूरा किया जाए। रावत ने अधिकारियों को लघु उद्यमियों, हस्तशिल्प और हथकरघा व्यवसाय करने वालों के लिए विशेष प्रावधान करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि कोरोना के विपरीत हालात में भी इन लघु व्यवसायियों के हित संरक्षित रखे जाने चाहिएं।
बैठक के बाद मीडिया से बातचीत में उन्होंने कहा कि समिट की तैयारियों के तहत हुए रोड शो और इन्वेस्टर्स मीट में पांच लाख करोड़ से अधिक के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं। इससे प्रदेश में करीब तीन लाख रोजगार के अवसर सृजित होंगे। बैठक में एमडी रीको आशुतोष ए.टी. पेडणेकर, कार्यकारी निदेशक रुक्मिणी रियार, राजस्थान फाउंडेशन के चेयरमैन धीरज श्रीवास्तव समेत अन्य विभागीय अधिकारी मौजूद रहे।
इधर, बैठक के बाद भारतीय औद्योगिक परिसंघ (सीआइआइ) ने प्रतिनिधिमंडल ने उद्योग मंत्री शकुंतला रावत से मिल कर अपनी सिफारिशें सौंपी। इनमें बिजली, एमएसएमई भुगतान, लोन की ब्याज दरों समेत विभिन्न मामलों में उद्योग जगत को रियायतों की मांग रखी गई। प्रतिनिधिमंडल में सीआइआइ राजस्थान के चेयरमैन संजय साबू, वाइस चेयरमैन गौरव रूंगटा समेत विभिन्न पदाधिकारी और उद्योगपति शामिल थे।
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ये हैं प्रमुख सिफारिशें

— एमएसएमइ एक्ट 2006 के अनुसार सरकारी विभाग और सार्वजनिक उपक्रमों की ओर से एमएसएमइ इकाइयों से हुई खरीद का भुगतान 45 दिन में सुनिश्चित किया जाना चाहिए। इसके लिए एक निगरानी प्रकोष्ठ बनाया जा सकता है।
— प्रदेश में कम से कम नई औद्योगिक इकाइयों को घटी दरों पर पांच से सात साल के नियत समय के लिए रियायती दरों पर बिजली दी जाए। यदि कोई यूनिट अपना पचास प्रतिशत से अधिक विस्तार करे तो उसे भी विस्तारित हिस्से के लिए ऐसी रियायत दी जाए।
— अर्थव्यवस्था को पुन: पटरी पर लाने के लिए छोटी—मध्यम इकाइयों को तार्किक दरों पर लोन मुहैया होना चाहिए। वित्त निगम ये लोन दे और सरकार इसकी गारंटी ले।

— पचपदरा रिफायनरी के लिए होने वाली खरीद में 20 प्रतिशत खरीद राजस्थान की एमएसएमइ इकाइयों से हो। इससे राज्य के जीएसटी कलेक्शन में भी बढ़ोतरी होगी।
— नए औद्योगिक क्षेत्रों में भूमि दरें दूसरे राज्यों में समान श्रेणी के जिलों से तुलना करते हुए तय की जाएं।

— नवाचारों पर फोकस करने वाली इकाइयों और अनुसंधान व विकास लैब रखने वाली इकाइयों को प्रोत्साहित किया जाना चाहिए।

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