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पाकिस्तान से अब राजस्थान में हो रही बीमारी ‘बम‘ की घुसपेट, भारत पर मंडराया खतरा

locationजयपुरPublished: Aug 29, 2017 11:54:00 am

Submitted by:

dinesh

पाकिस्तान से आतंकियों की घुसपैठ का खतरा तो है ही , इन दिनों राजस्थान से सटी सीमा के रास्ते पाकिस्तान से बीमारी ‘बम’ की आशंका ने चिंता बढ़ा दी..

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 जयपुर। पाकिस्तान से आतंकियों की घुसपैठ का खतरा तो बना ही रहता है, लेकिन इन दिनों राजस्थान से सटी सीमा के रास्ते पाकिस्तान से बीमारी ‘बम’ की आशंका ने चिंता बढ़ा दी है। पाकिस्तान में वायरसजनित बीमारियां तेजी से फैल रही है और बड़ी संख्या में लोग मौत के मुंह में भी जा रहे हैं। राजस्थान के सामने वाले इलाके में स्थित सिंध प्रांत में ही वायरस से फैलने वाली स्वाइन फ्लू, यैलो फीवर व हेपेटाइटिस तथा मच्छरजनित डेंगू, चिकनगुनिया व मलेरिया के हजारों मामले सामने आए हैं। इन इलाकों से ही अधिकांश लोग थार एक्सप्रेस के जरिए भारत आते हैं, लेकिन इनकी स्क्रीनिंग नहीं होने से भारत पर बीमारी बम का खतरा मंडरा रहा है।
राजस्थान से सटे सिंध प्रांत के थारपारकर, छाछरो, मिट्ठी, उमरकोट, हैदराबाद और कराची में फैल रही है वायरसजनित बीमारियां पाकिस्तानी मीडिया के अनुसार अकेले थारपारकर में पिछले सप्ताह चिकनगुनिया के दो हजार मामले छाछरो के 30 गांव प्रभावित हैं चिक नगुनिया व डेंगू की बीमारी से स्वाइन फ्लू के 55 मामले आए हैं सामने, 15 की हो चुकी है मौत।
यात्रियों की जांच नहीं
सिंध के रास्ते ही पाकिस्तान हर सप्ताह सैकड़ों लोग दोनों देशों के बीच चलने वाली थार एक्सप्रेस से बाड़मेर के रास्ते जोधपुर होते हुए देश-प्रदेश के विभिन्न इलाकों में पहुंच रहे हैं, लेकिन इन यात्रियों के साथ आने वाले वायरस की जांच के प्रति अभी भी चिकित्सा विभाग नहीं चेता है। थार एक्सप्रेस से आने वाले यात्रियों को पोलिया की दवा तो पिलाई जाती है, लेकिन इन यात्रियों में अन्य बीमारियों की स्क्रीनिंग की कोई व्यवस्था न तो बाड़मेर के मुनाबाव और न ही जोधपुर के भगत की कोठी स्टेशनों पर की गई है।
सिंध प्रांत में डेंगू, चिकनगुनिया का कहर
पाकिस्तानी मीडिया व विश्व स्वास्थ्य एजेंसियों की रिपोर्ट के अनुसार पाकिस्तान के सिंध प्रांत में इन दिनों डेंगू व चिकनगुनिया ने कहर बरपा रखा है। अकेले डेंगू के लगभग 15 हजार मामले सामने आ चुके हैं।
जांच में लगता है समय
– थार एक्सप्रेस में आने वाली यात्रियों में डेंगू और स्वाइन फ्लू जैसी बीमारियों की स्क्रीनिंग नहीं हो रही। ऐसी स्क्रीनिंग के लिए जरूरी एलिजा टेस्ट की रिपोर्ट आने में 12 से 13 घंटे का समय लग जाता है और यात्रियों की जांच के दौरान इतना समय नहीं रहता।
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