बैली फैट का बढऩा
कमर के आस-पास चर्बी बढ़ना भी इंफ्लेमेशन का संकेत है। यह बात वॉशिगंटन यूनिवर्सिटी की एक रिसर्च से सामने आई है। रिसर्च के अनुसार एनवायरनमेंट टॉक्सिंस इंफ्लेमेशन को बढ़ाने का कारण होते हैं। इसलिए कमर के आस-पास चर्बी बढ़ रही है तो सतर्क हो जाएं।
मेंटल डिस्ऑर्डर
ब्रेन फॉग, पेनिक अटैक और डिप्रेशन आदि क्रॉनिक इंफ्लेमेशन का संकेत होते हैं। इंफ्लेमेशन की वजह से ब्रेन की कैमिस्ट्री भी बिगड़ सकती है। यह मेंटल हेल्थ को बुरी तरह से प्रभावित कर सकता है। हेल्थ एक्सपट्र्स के अनुसार यदि आप पहले से ही किसी तरह की दिमागी बीमारी से परेशान हैं तो क्रॉनिक इंफ्लेमेशन उसे और भी खराब कर सकता है। इसलिए ब्रेन हेल्थ को इंप्रूव करने वाली एक्सरसाइज के साथ ही हेल्दी डाइट लें।
फूड सेंसिटिविटी
य दि आपको दूध पीने या फिर ग्लूटन रिच फूड लेने पर किसी तरह की समस्या नहीं होती है तो यह अच्छी बात है लेकिन यदि आपको दूध पसंद नहीं है और ग्लूटन रिच डाइट को भी आपका पेट स्वीकार नहीं कर रहा है तो ऐसा क्रॉनिक इंफ्लेमेशन की वजह से भी हो सकता है। इसलिए ऐसे फूड पर ध्यान दें, जिनकी वजह से परेशानी बढ़ती हो।
डाइजेस्टिव प्रॉब्लम
कब्ज , पेट फूलना, गैस बनना, डायरिया, उबकाई आना, उल्टी होना जैसी पाचन संबंधी समस्याएं भी क्रॉनिक इंफ्लेमेशन की वजह से हो सकती है। यदि आप इन समस्याओं पर ध्यान नहीं देते तो भविष्य में ये समस्याएं किसी रोग का रूप ले सकती हैं। इसलिए चिकित्सक से उचित जांच करवाएं।
वजन
क्रॉनिक इंफ्लेमेशन की वजह से वजन बढऩा जैसी समस्याएं भी हो सकती हैं। दरअसल कई सारे ऐसे फूड हैं, जो इंफ्लेमेशन को बढ़ाने का कारण हो सकते हैं। सप्ताह में एक या दो बार ऐसे फूड्स का सेवन करने से मोटापा बढ़ता है। इसलिए यदि कुछ समय से लगातार वजन बढ़ रहा है तो क्रॉनिक इंफ्लेमेशन के इस संकेत पर अवश्य ध्यान दें।
सिरदर्द
माइग्रेन या लगातार सिर में दर्द होने की परेशानी भी इंफ्लेमेशन का कारण है। सिरदर्द के पीछे भी एनवायरनमेंटल टॉक्सिंस होते हैं, जो आगे चलकर क्रॉनिक इंफ्लेमेशन का कारण भी बनते हैं। इस संबंध में अमरीका की टॉलेडो यूनिवर्सिटी की रिसर्च के अनुसार माइग्रेन और इंफ्लेमेशन, दोनों एक दूसरे से जुड़े हुए हैं। सिर दर्द की वजह पर ध्यान दें।थकान
इंफ्लेमड सेल्स बीमार सेल्स की तरह होती हैं, जो शरीर के लिए किसी तरह की एनर्जी उत्सर्जित नहीं करतीं, इसी वजह से आप स्वयं को ऊर्जावान महसूस नहीं करते। इसलिए सुबह उठने के बाद थकान रहती तो यह क्रॉनिक इंफ्लेमेशन का संकेत है। कुछ स्टडीज के अनुसार क्रॉनिक इंफ्लेमेशन, क्रॉनिक ट्रायर्डनेस का कारण होता है। इससे नींद प्रभावित होती है।