एमएनआईटी में कैंपस को पोल्यूशन फ्री बनाने की मुहिम में छात्रावासों से जुड़े कार्मिकों ने अपनी ड्यूटी के तहत छात्रावासों तक आवागमन के लिए साईकिलों का इस्तेमाल करने का निर्णय लिया। एमएनआईटी के निदेशक प्रोफेसर उदयकुमार ने मेरी साईकिल, मेरा एमएनआईटी थीम पर इसका शुभारंभ किया है। एमएनआईटी के चीफ वार्डन प्रोफेसर उपेन्द्र पंडेल ने बताया कि छात्रावास में कार्यरत नदंलाल कुमावत ने कैंपस में विद्यार्थियों की बेकार पड़ी साईकिलों की मरम्मत करवाकर उन्हें इस्तेमाल के लिए तैयार किया है। ऐसे में छात्रावासों से जुड़े शिक्षक, कर्मचारी छात्रावासों तक आने जाने के लिए इन साईकिलों का इस्तेमाल कर सकेंगे। आगे भी इस मुहिम को जारी रखा जाएगा। विद्यार्थी भी जरूरत के हिसाब से इसका उपयोग आगे कर सकेंगे।
चीफ वार्डन पंडेल ने बताया कि एमएनआईटी में करीब 4500 हजार विद्यार्थी पढ़ते हैं। इनमें से हर साल काफी विद्यार्थी अपनी साईकिल एमएनआईटी में ही छोड़ जाते हैं। इन साईकिलों को तैयार करवाकर इनका उपयोग किया जाएगा। इस साल दिसंबर तक 500 नकारा साईकिलों को उपयोग के लायक बनाते हुए इनका इस्तेमाल किया जाएगा। इतना ही नही, अगले साल जुलाई तक इस संख्या को बढ़ाकर 1 हजार तक करने का लक्ष्य है। विद्यार्थियों भी इन साईकिलों का इस्तेमाल टोकन मनी देकर आगामी समय में कर सकेंगे। इससे खासतौर पर आर्थिक रूप से कमजोर विद्यार्थियों को बड़ी राहत मिल सकेगी। उन्हें नई साईकिल खरीदने की जरूरत नहीं पड़ेगी।