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रियायती दर पर जमीन लेकर मनमर्जी करने वाली संस्थाओं पर गिरेगी गाज

locationजयपुरPublished: Dec 02, 2020 08:31:30 pm

Submitted by:

Umesh Sharma

आवंटन की शर्तों की पालना नहीं करने वाली संस्थाओं का आवंटन होगा निरस्त—यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल ने निकायों को भौतिक सत्यापन के लिए दिए आदेश

रियायती दर पर जमीन लेकर मनमर्जी करने वाली संस्थाओं पर गिरेगी गाज

रियायती दर पर जमीन लेकर मनमर्जी करने वाली संस्थाओं पर गिरेगी गाज

जयपुर।

रियायती दर पर जमीन लेकर मनमर्जी करने वाली संस्थाओं पर राज्य सरकार नकेल कसेगी। यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल ने सभी निकायों को इन जमीनों का भौतिक सत्यापन करने के निर्देश दिए हैं। अगर आवंटन शर्तों का मौके पर पालन होता नहीं दिखा तो राज्य सरकार ऐसे आवंटनों को निरस्त करेगी।
मंत्री की ओर से जारी आदेशों के तहत आवंटन नीति के तहत निकाय की गठित समिति अपने क्षेत्र के प्रकरणों का भौतिक सत्यापन करेगी। इसके लिए 15 दिन का समय दिया गया है। आवंटन की शर्तों की अवहेलना या भूमि का किसी अन्य उपयोग होने की स्थिति में आवंटन निरस्त करने की कार्रवाई की जाएगी। कार्रवाई होने के तीन दिन के अंदर जमीन का भौतिक कब्जा लिया जाएगा। आदेश में यह भी लिखा गया है कि जिन प्रकरणों में आवंटन की शर्तों की पालना और भूमि का सही उपयोग मिलता है तो उन प्रकरणों में समिति में शामिल प्रत्येक अधिकारी प्रमाण पत्र देगा। जिसमें यह प्रमाणित किया जाएगा कि प्रकरण में आवंटन की शर्तों और भूमि के उपयोग की शर्त की पालना की जा रही है। इसके बाद उस प्रकरण में शर्तों अवहेलना मिलती है तो संबंधित अधिकारी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
यूडीएच जारी करेगा आदेश

धारीवाल ने पत्रावली पर यह आदेश प्रमुख सचिव नगरीय विकास और स्वायत्त शासन सचिव को जारी किए हैं। इस आदेश की पालना के लिए जल्द ही नगरीय विकास विभाग और स्वायत शासन विभाग निर्देश जारी करेंगे। इसके बाद निकाय भौतिक सत्यापन की कार्रवाई शुरू करेंगे।
1897 प्रकरणों की भेजी थी जानकारी

रियायती दर पर भूमि आवंटन के प्रकरणों में नगरीय विकास मंत्री शांति धारीवाल ने इस वर्ष 1 जून को सभी निकायों से रियायती दर पर संस्थाओं के आवंटनों के प्रकरणों की जानकारी मांगी थी। प्रदेश के प्राधिकरण, नगर सुधार न्यास, नगर निगम, नगर परिषद और नगर पालिकाओं ने कुल 1897 प्रकरणों की सूची राज्य सरकार को भेजी थी। जिसके आधार पर धारीवाल ने यह आदेश जारी किए हैं।
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