जलदाय मंत्री डॉ. बी. डी. कल्ला ( BD Kalla ) ने भी इस संबंध में संबंधित विभाग के अधिकारियों को भी निर्देश दिए हैं। निर्देश दिए कि इसकी कार्ययोजना का प्रारूप इस प्रकार तैयार हो जिससे कि आमेर शहर में पेयजल की कोई समस्या नहीं आए और मावठे ( Maota lake Jaipur ) को भी पानी उपलब्ध कराया जा सके।
2011 में शुरू हुआ था मावठा भरना
आपको बता दें कि साल 2011 में ब्रह्मपुरी पम्पिंग स्टेशन से 250 एमएम व्यास की पाईप लाइन डाली जाकर मावठे को भरना शुरू किया गया था, लेकिन इसके बाद वर्ष 2015-16 में आमेर शहर में पानी की गंभीर समस्या को देखते हुए उक्त पाईप लाइन सेे बद्रीनाथ व नवलखा पम्प हाउस को जोड़कर आमेर शहर में पेयजल व्यवस्था का संवर्धन किया गया एवं मावठे को भरना रोक दिया गया था।
2020 तक पूरा होगा प्रोजेक्ट
बता दें कि आमेर शहर के लिए 24.72 करोड़ रूपये की पुनर्गठन योजना का कार्य प्रगति पर है, जो कि अप्रैल 2020 में पूरा किया जाना है। इस योजना में न्यू फिल्टर प्लांट मानबाग से राइजिंग मेन से पानी रैगर मौहल्ला व पीली की तलाई को दिया जाना है। न्यू फिल्टर प्लांट पम्पिंग स्टेशन से डाली जा रही 500 एमएम की मुख्य पाईप लाइन को नयी माता मन्दिर मोड़ पर वर्तमान में मौजूद बिलोनिया की ढाणी से नवलखा पंप हाउस तक पुरानी सीमेंट पाईप लाइन से मिलान करते हुए नवलखा पंप हाउस पर से 1.5 से 2.0 एमएलडी पानी उपलब्ध कराया जा सकता है।
ये है कार्य योजना
Project के अतिरिक्त मुख्य अभियन्ता ने बताया कि पुरानी सीमेन्ट पाईप लाइन की पहले Testing की जाएगी और अगर लाइन सफल होती है तो इसका मिलान नई पाईप लाइन से कर आमेर को 1.5 से 2.0 MLD पानी उपलब्ध कराया जा सकता है। यह कार्य एक माह में पूरा किया जा सकता है। टेस्टिंग में यदि पुरानी पाईप लाइन सफल नहीं होती है तो 300 एमएम की नई डीआई पाईप लाइन डालकर नवलखा पंप हाउस को मानबाग पम्पिंग स्टेशन से बीसलपुर का पानी दिया जा सकता है। मानबाग से आमेर को बीसलपुर का पानी मिलने के उपरान्त 1.5 से 2.0 एमएलडी पानी मावठें के लिये छोडा जा सकता है और 3 महीनेे में मावठे को पूरा भरा जा सकता है।