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हाईकोर्ट में प्रेम का रोचक मामला…प्रेमिका को कोर्ट में पेश करने की मांग

locationजयपुरPublished: Jul 02, 2020 12:46:03 am

Submitted by:

sanjay kaushik

राजस्थान हाईकोर्ट ( Rajasthan High Court ) में बुधवार को रोचक मामले ( Interesting Case ) की सुनवाई हुई। याची ने प्रेम संबंध की दलील ( Plea for Love Affair ) देते हुए युवती ( Girlfreind ) को कोर्ट के समक्ष पेश करने ( To Present in Court ) के निर्देश देने की मांग ( Demand ) की। ( Jaipur News )

हाईकोर्ट में प्रेम का रोचक मामला...प्रेमिका को कोर्ट में पेश करने की मांग

हाईकोर्ट में प्रेम का रोचक मामला…प्रेमिका को कोर्ट में पेश करने की मांग

-बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका पर सुनवाई

-कोर्ट ने कहा दो लाख रुपए जमा कराओ, वरना याचिका खारिज

-मामले में अगली सुनवाई 21 जुलाई को

जोधपुर। राजस्थान हाईकोर्ट ( Rajasthan High Court ) में बुधवार को रोचक मामले ( Interesting Case ) की सुनवाई हुई। याची ने प्रेम संबंध की दलील ( Plea for Love Affair ) देते हुए युवती ( Girlfreind ) को कोर्ट के समक्ष पेश करने ( To Present in Court ) के निर्देश देने की मांग ( Demand ) की। ( Jaipur News ) कोर्ट ने याची को सात दिन में दो लाख रुपए जमा करवाने के निर्देश देते हुए कहा कि ऐसा करने में विफल रहने पर याचिका खारिज हो जाएगी।
-तथ्य गलत पाने पर राशि युवती को मिलेगी मुआवजे के रूप में

न्यायाधीश संदीप मेहता तथा न्यायाधीश देवेंद्र कच्छवाह की खंडपीठ के समक्ष याचिकाकर्ता इंद्रजीत ने बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दायर कर कहा कि वह एक युवती से प्रेम करता है। युवती भी उससे प्रेम करती है। बालिग होने के बावजूद युवती को पिता ने घर में निरुद्ध कर रखा है। उसकी इच्छा के खिलाफ शादी की कोशिश की जा रही है। याची के अधिवक्ता ने कहा कि कोर्ट युवती को कोर्ट में पेश करने के निर्देश दे तो याची धरोहर के रूप में राशि जमा करवाने को तैयार है। याचिका में उठाए गए तथ्य गलत पाए जाने पर यह राशि युवती को मुआवजे के रूप में दी जा सकती है।
-हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ता को दी सात दिन की मोहलत

खंडपीठ ने कहा कि याचिकाकर्ता को दो लाख रुपए सात दिन में डिप्टी रजिस्ट्रार (न्यायिक) के पास जमा करवाने होंगे। इसकी रसीद अतिरिक्त महाधिवक्ता फरजंद अली को देने पर वह संबंधित पुलिस थाने को सूचित कर सकेंगे कि युवती को कोर्ट के समक्ष पेश किया जाए। अगली सुनवाई 21 जुलाई को होगी, लेकिन कोर्ट ने स्पष्ट किया कि आठ जुलाई तक राशि जमा नहीं करवाई गई तो बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका स्वत: खारिज मानी जाएगी। कोर्ट के आदेश से साफ है कि दो लाख रुपए की राशि की रसीद अतिरिक्त महाधिवक्ता को मिलने पर वे संबंधित पुलिस थाना को सूचित करेंगे, इसके बाद याची के तथ्यों की पुष्टि के लिए युवती को कोर्ट में पेश किया जाएगा
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