पाकिस्तान से नशे की खेप मंगवाता था इंटरनेशनल स्मलगर छिंदी, राजस्थान में करता था सप्लाई
जयपुरPublished: Nov 17, 2019 10:59:22 am
मोहाली में पकड़ा गया राजस्थान पुलिस का ईनामी बदमाश तस्कर छिंदरपाल उर्फ छिंदी
महिलाएं भी युवाओं में डाल रही नशे की लत, 3 करोड़ से ज्यादा का नशा पकड़ा
जयपुर
मोहाली में पुलिस के हत्थे चढ़े राजस्थान पुलिस के ईनामी बदमाश तस्कर छिंदरपाल उर्फ छिंदी ने पुलिस पूछताछ में अहम खुलासे किए हैं। पुलिस रिमांड पर चल रहे बदमाश छिंदी ने बताया कि वह पाकिस्तान से नशे की खेप मंगवाता था। जिसके बाद वह इस खेप को मुख्य रुप से राजस्थान के अलग अलग जिलों में सप्लाई करता था। पुलिस रिमांड पर चल रहे तस्कर से सीआईए टीम पूछताछ कर रही हैं। जिसमें वह अहम खुलासे करता जा रहा हैं। इन खुलासे के बाद राजस्थान में उसके साथ नशे की खेप की सप्लाई करने में जुटे अन्य लोगों के नाम भी सामने आएंगे। छिंदी ने बताया कि उसके राजस्थान और पंजाब के तस्करों से सांठगांठ हैंं जो उसके लिए काम करते हैं। यही नहीं उसने पुलिस जांच में यह भी कबूला है कि वह सीमापार से नशे की खेप मंगवा कर सप्लाई कर रहा था। इसके लिए उसने पाकिस्तान के कई ड्रग स्मगलर्स से संबंध बना रखे हैं। जिनकी मदद से वह बॉर्डर पार से नशे की खेप राजस्थान के बॉर्डर इलाकों से भारत में लाता था। छिंदी ने वर्ष 2012 से नशीले पदार्थों की तस्करी शुरु की थी। 2015 में पहली बार वह 5 किलो नशीले पदार्थ के साथ गिरफ्तार हुआ था। जमानत पर बाहर आने के बाद उसने बॉर्डर पार से तस्करों से संपर्क किया। उनसे हैरोइन व अवैध हथियारों की बड़ी खेप मंगवानी शुरु की। जिसके बाद वह राजस्थान व पंजाब में अपने साथियों को देकर इस खेप की सप्लाई कर युवाओं को नशे की लत लगवा रहा था। छिंदरपाल सिंह के खिलाफ पंजाब व राजस्थान में अलग-अलग थानों में हथियार व ड्रग तस्करी के अलावा कुल 17 मामले दर्ज हैं। यह राजस्थान और पंजाब पुलिस के अलावा बीएसएफ का वांटेड था। राजस्थान पुलिस ने छिंदी पर ईनाम भी घोषित कर रखा हैं।अब राजस्थान की पुलिस भी छिंदी को प्रोडक्शन वारंट पर लाने की तैयारी कर रही हैं। जिसके बाद वह भी अपने स्तर पर पूछताछ करेगी तो नशे की खेप में लगे कई तस्कर सामने आएंगे। आरोपी से पूछताछ के दौरान खुलासा हुआ है कि आरोपी राजस्थान सीमा के साथ लगते अंतरराष्ट्रीय बार्डर एरिया में ही रहता है। इस कारण आरोपी को कंटीली तार के नीचे से गुजरने की सभी तरकीबें आती थीं।