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लोकलाइजेशन की कमी से 50 करोड़ लोगों से दूर है इंटरनेट

locationजयपुरPublished: Nov 19, 2019 12:31:43 am

Submitted by:

Jagmohan Sharma

डिजिटल सशक्तिकरण को बढ़ावा मिलेगा

jaipur

लोकलाइजेशन की कमी से 50 करोड़ लोगों से दूर है इंटरनेट

नई दिल्ली. भले ही मोदी सरकार डिजिटल इंडिया की बात कर रही हो और इसके जरिए अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचने की बात कर रही हो लेकिन यह तब तक मुमकिन नहीं है जब तक सभी लोगों तक इंटरनेट ना पहुंच सके। अगर इंटरनेट पहुंच भी जाए तो वो अगर उनकी स्थानीय भाषा में उपलब्ध न हो तो उसका फायदा भी नहीं है। भारत में 50 करोड़ ऐसे लोग हैं जो स्थानीय भाषा न होने की वजह से इंटरनेट दूर हैं। यह बात आज फिक्की-इंडियन लैंग्वेज इंटरनेट एलायंस (फिक्की-आईएलआईए) भाषांतर नाम के एक कार्यक्रम में सामने आई। जिसमें मौजूद विशेषज्ञों ने बताया कि अगर इंटरनेट को स्थानीय भाषांओं से जोड़ा जाए तो भारत एक ट्रिलियन डॉलर डिजिटल अर्थव्यवस्था बन सकती है।
डिजिटल अर्थव्यवस्था पर भारतीय भाषाओं के प्रभाव के बारे में बोलते हुए भारत सरकार के इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्रालय के सचिव अजय प्रकाश साहनी ने कहा कि भारतीय भाषा के उपयोगकर्ताओं में बेतहाशा वृद्धि हो रही है जोकि इंटरनेट के खजाने के माध्यम से भारतीय भाषा के कंटेंट का इस्तेमाल अपनी सुविधानुसार करने के लिए उत्सुक हैं। इंटरनेट पर इंडिक कंटेंट उपयोगकर्ताओं की बढ़ती संख्या को सहयोग करने के लिए उस अनुपात से नहीं बढ़ा है। ज्यादातर भारतीयों के पास अपनी संबंधित भाषाओं में इंटरनेट पर उपयोगी कंटेंट तक पहुंच का अवसर नहीं है।
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