सीसीटीवी फुटेज व मुखबीर तंत्र से लगाया पता गठित टीम ने घटनास्थलों के आसपास लगे सीसीटीवी कैमरों के फुटेज चैक किए तथा मुखबीर तंत्र एवं आसूचना संकलन कर प्रलोभन देकर धोखाधड़ी करने वाले अंतरराज्यीय गिरोह का पर्दाफाश करते हुए पांच आरोपियों को बापर्दा गिरफ्तार किया गया है। इसमें दिल्ली के कंजावला थाना क्षेत्र की जेजे कॉलोनी निवासी सूरज राठौड़ पुत्र लालू राठौड़, धर्मा पुत्र गंगाराम सोलंकी, कन्हैया लाल पुत्र भालचन्द सोलंकी, प्रकाश उर्फ शंकर पुत्र चम्पक लाल परमार तथा अर्जुन पुत्र चुन्नीलाल राठौड़ को गिरफ्तार किया गया है।
इन स्थानों पर की वारदातें आरोपियों ने पुलिस पूछताछ में नागौर सहित कई जगह धोखाधड़ी पूर्वक गहने लूटने की वारदातें करना स्वीकार किया है। पुलिस के अनुसार आरोपियों ने नागौर शहर, मेड़ता सिटी, कुचामनसिटी, अजमेर, किशनगढ़, जोधपुर, अलवर के बहरोड़ में वारदात करना स्वीकार किया, जबकि राजस्थान के बाहर दिल्ली, गुजरात, हरियाणा, पंजाब, हिमाचल प्रदेश, मध्यप्रदेश एवं उत्तरप्रदेश में इस प्रकार की वारदातों को अंजाम दिया है। गिरोह के सदस्यों का कई जगह की वारदातों में सीसीटीवी फुटेज से मिलान किया गया। पुलिस द्वारा आरोपियों से पूछताछ जारी है, जिससे इस प्रकार की और भी कई वारदातों का खुलासा होने की संभावना है।
वारदात को अंजाम देने का तरीका आरोपी विभिन्न जिलों एवं स्थानों पर घूमकर रैकी करते हैं एवं अकेली वृद्ध महिला या पुरुष को देखकर उसको प्रलोभन देकर सोने के आभूषण लेकर नकली नोटों का बण्डल देकर धोखाधड़ी की वारदात को अंजाम देते हैं। गिरोह के दो आरोपी आपस में मिलकर एक दूसरे से अनजान बनकर रहते हैं तथा पास से निकल रहे बुजुर्ग महिला/पुरुष या ग्रामीण परिवेश के लोगों को गिरोह के प्रथम ठग द्वारा करीब 30-40 किमी दूर गांव या शहर का नाम बताकर रास्ता पूछा जाता है तथा पैदल जाने का कहता है। ठग अपने आप को अनपढ़ बताता है तथा खुद को मजदूर बताकर मालिक द्वारा मजदूरी नहीं देने पर मालिक की एक बंडल में बंधी वस्तु उठाकर लाने की बात उस व्यक्ति को बताता है। दूसरा ठग उस बंडल को जिसके उपर 500 या 2000 रुपए का नोट लगा हुआ होता है जिसके नीचे खाली कागज लगे होते हैं जिसे पास में खड़े बुजुर्ग महिला/व्यक्ति को दिखाता है तथा प्रलोभन देता है कि इसके पास लगभग एक लाख रुपए हैं। इस प्रकार बातों में फंसाकर ठगी को अंजाम देते फरार हो जाते हैं।