सहायक कृषि अधिकारी भर्ती परीक्षा 2015 भरतपुर और धौलपुर के जाट अभ्यर्थियों को ओबीसी का लाभ नहीं देने के मामले पर राजस्थान उच्च न्यायालय में सुनवाई हुई। न्यायालय ने याचिकाकर्ता को ओबीसी श्रेणी में मानते हुए संशोधित परिणाम जारी करने के आदेश दिए हैं।
भर्ती परीक्षा के लिए विज्ञापन 2015 में जारी हुआ था और उसमें भरतपुर और धौलपुर के जाट अभ्यर्थियों को ओबीसी नहीं माना था। राज्य सरकार ने 23 अगस्त 2017 को अधिसूचना जारी करते हुए भरतपुर एवं धौलपुर के जाट जाति के व्यक्तियों को पिछड़ा वर्ग में सम्मिलित कर दिया। याचिकाकर्ता नागेश के अधिवक्ता रधुनंदन शर्मा ने कहा कि प्रक्रियाधीन भर्ती में आरपीएससीव ने श्रेणी सुधार का अवसर नहीं दिया। वहीं आरपीएससी ने कहा कि याचिकाकर्ता ने आरपीएससी में इस संबंध में संपर्क नहीं किया। जिस पर न्यायाधीश एसपी शर्मा ने याचिकाकर्ता को अन्य पिछड़ा वर्ग श्रेणी में मानते हुए रिवाइज रिजल्ट जारी करने के निर्देश दिए और कहा कि याचिकाकार्त मेरिट में आता है तो उसे नियुक्ति दे।