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जयपुर

मत्स्य विकास अधिकारी के साक्षात्कार पर रोक

राजस्थान उच्च न्यायालय ने मत्स्य विकास अधिकारी और सहायक मत्स्य विकास अधिकारी के साक्षात्कार पर रोक लगा दी है। न्यायालय ने मामले में आरपीएससी सचिव, प्रमुख मत्स्य सचिव और निदेशक को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।

जयपुरJun 02, 2020 / 10:18 pm

KAMLESH AGARWAL

hearing by video conference at rajasthan high court

patrika

जयपुर।

भर्ती में पारदर्शिता रखने के लिए प्रथमदृष्टया बिना कट ऑफ जारी किए अभ्यर्थियों को साक्षात्कार के लिए बुलाने को प्रथम दृष्टाया गलत मानते हुए राजस्थान उच्च न्यायालय ने मत्स्य विकास अधिकारी और सहायक मत्स्य विकास अधिकारी के साक्षात्कार पर रोक लगा दी है। न्यायालय ने मामले में आरपीएससी सचिव, प्रमुख मत्स्य सचिव और निदेशक को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। कविन्द्र व अन्य की अधिवक्ता सुशीला कलवानिया ने बताया कि आरपीएससी ने गत वर्ष मत्स्य विकास अधिकारी और सहायक मत्स्य विकास अधिकारी के पदों पर भर्ती निकाली थी। आयोग ने गत 19 मई को इसका परिणाम जारी किया। याचिका में कहा गया कि भर्ती की कट ऑफ जारी किए बिना ही आयोग साक्षात्कार के लिए अभ्यर्थियों को बुला रहा है। याचिकाकर्ता की ओर से कट ऑफ को लेकर आरटीआई से भी जानकारी मांगी गई, लेकिन आयोग की ओर से कोई जानकारी नहीं दी गई। ऐसे में बिना कट ऑफ जारी किए साक्षात्कार लेना मनमाना और विधि विरूद्ध है। जिस पर न्यायाधीश एसपी शर्मा की एकलपीठ ने साक्षात्कार पर रोक लगाते हुए संबंधित अधिकारियों को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है।
भरतपुर और धौलपुर के जाट अभ्यर्थी को ओबीसी आरक्षण देकर संशोधित परिणाम जारी करने के आदेश


सहायक कृषि अधिकारी भर्ती परीक्षा 2015 भरतपुर और धौलपुर के जाट अभ्यर्थियों को ओबीसी का लाभ नहीं देने के मामले पर राजस्थान उच्च न्यायालय में सुनवाई हुई। न्यायालय ने याचिकाकर्ता को ओबीसी श्रेणी में मानते हुए संशोधित परिणाम जारी करने के आदेश दिए हैं।
भर्ती परीक्षा के लिए विज्ञापन 2015 में जारी हुआ था और उसमें भरतपुर और धौलपुर के जाट अभ्यर्थियों को ओबीसी नहीं माना था। राज्य सरकार ने 23 अगस्त 2017 को अधिसूचना जारी करते हुए भरतपुर एवं धौलपुर के जाट जाति के व्यक्तियों को पिछड़ा वर्ग में सम्मिलित कर दिया। याचिकाकर्ता नागेश के अधिवक्ता रधुनंदन शर्मा ने कहा कि प्रक्रियाधीन भर्ती में आरपीएससीव ने श्रेणी सुधार का अवसर नहीं दिया। वहीं आरपीएससी ने कहा कि याचिकाकर्ता ने आरपीएससी में इस संबंध में संपर्क नहीं किया। जिस पर न्यायाधीश एसपी शर्मा ने याचिकाकर्ता को अन्य पिछड़ा वर्ग श्रेणी में मानते हुए रिवाइज रिजल्ट जारी करने के निर्देश दिए और कहा कि याचिकाकार्त मेरिट में आता है तो उसे नियुक्ति दे।

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