डीजीपी : जनता में विश्वास और अपराधियों में भय के लिए हर संभव कदम उठाए गए हैं। वर्तमान परिस्थितियों के मुताबिक कुछ करने का प्रयास किया गया है। रात्रिगश्त को और प्रभावी बनाया है। इससे पुलिसकर्मी मुस्तैद रहेंगे और चैकिंग में वक्त पर पहुंचेंगे।
डीजीपी : अपराधियों में भय और अपराध पर लगाम लगाने के लिए ऐसा किया गया है, हर थाना पुलिस उनके क्षेत्र में सक्रिय 10-10 वांछित अपराधियों की सूची बना मुख्यालय को भेजेगी और उनकी गिरफ्तारी सुनिश्चित करेगी, इसके लिए एसओजी की भी मदद ले सकते हैं।
डीजीपी : ऑनलाइन गुमशुदगी और वाहन चोरी आमजन कैसे दर्ज करा सकते हैं, इसकी हर थाने में जानकारी होगी, इसके लिए थाना पुलिस को निर्देश भी दिए गए हैं।
डीजीपी : कुछ जिलों में स्टे के चलते ऐसी समस्या बताई गई है, अन्य जिलों में धीमी गति से चल रही पदोन्नति को जल्द पूरा करने के निर्देश देंगे।
डीजीपी : पुलिस मुख्यालय की क्राइम ब्रांच को निर्देश दिए गए हैं कि सभी जिला पुलिस को अनट्रेस संगीन अपराध के खुलासे के लिए घटना स्थल का रिव्यू करे, जरूरत पडऩे पर पुलिस मुख्यालय की क्राइम ब्रांच की मदद लें।
डीजीपी : पानी पिलाने वाले जवान को हाथ में कब बंदूक पकड़ा दी जाए, कहा नहीं जा सकता। जो जवान पानी पिला रहे हैं, उन्हें सभ्यता के लिए नि:शुल्क प्रशिक्षण दिलाया जा रहा है। जवान का प्रशिक्षण छह माह का है और मैं तो कुछ माह बाद रिटायर हो जाऊंगा। इससे मुझे क्या लाभ, लेकिन पुलिस में किए गए कुछ बदलाव पर हमारे जवान और अधिकारी मुस्तैदी से जुटेंगे तो जनता में खाकी पर और विश्वास बढ़ेगा।