राज्य सरकार 7 और 8 अक्टूबर होने वाली इन्वेस्ट राजस्थान समिट की तैयारी में जुटी है। दावा किया जा रहा है कि समिट से पहले ही 4 लाख करोड़ रुपए के 4192 एमओयू- एलओआई साइन हो चुके हैं। सरकार आश्वस्त है कि इस समिट के बाद राजस्थान में निवेश करने वालों की बाढ़ आएगी।
राज्य सरकार 7 और 8 अक्टूबर होने वाली इन्वेस्ट राजस्थान समिट की तैयारी में जुटी है। दावा किया जा रहा है कि समिट से पहले ही 4 लाख करोड़ रुपए के 4192 एमओयू- एलओआई साइन हो चुके हैं। सरकार आश्वस्त है कि इस समिट के बाद राजस्थान में निवेश करने वालों की बाढ़ आएगी। मगर राजस्थान भाजपा ने इस समिट को प्रदेश के सियासी संकट से जोड़ दिया है। उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने समिट को लेकर सरकार के दावों को खोखला बताया है।
राठौड़ ने कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के इन्वेस्ट राजस्थान समिट के सारे दावे खोखले साबित हुए हैं। वास्तविकता तो यह है कि अंंतर्कलह से जूझ रही कांग्रेस सरकार की अस्थिरता ने निवेश के वातावरण को ही समाप्त कर दिया है। उन्होंने कहा कि अपने कार्यकाल के अंतिम पायदान पर पहुंच चुकी कांग्रेस सरकार का अब इस प्रकार का प्रयास करना मृगमरीचिका के सिवाय कुछ और साबित नहीं होगा। लाखों-करोड़ों रुपए के एमओयू धरातल पर उतरने की संभावना भी नगण्य है, क्योंकि ढोल पीटने मात्र से प्रदेश का भला नहीं हो सकता।
आपको बता दें कि समिट में देश-विदेश से 4000 प्रतिभागी शामिल होंगे, जिनमें कई बड़े उद्योगपति भी शामिल हैं। इनमें गौतम अडानी, एलएन मित्तल, संजीव बजाज और सीके बिड़ला जैसे उद्योगपति राजस्थान समिट में भाग लेंगे। समिट के उद्घाटन के बाद 7 और 8 अक्टूबर को पांच अलग-अलग कॉन्क्लेव भी होंगे, जिनमें एनआरआर, फ्यूचरेडी सेक्टर, पर्यटन, एग्री बिजनेस कॉन्क्लेव शामिल है।