scriptअदृश्य गाड़ी, जो सिर्फ आरटीओ को दिखती है! | Invisible car, which is visible only to RTO | Patrika News

अदृश्य गाड़ी, जो सिर्फ आरटीओ को दिखती है!

locationजयपुरPublished: Oct 25, 2018 12:56:23 am

जो ट्रक सुमेरपुर में था, उसे कोटा में देखा

jaipur

अदृश्य गाड़ी, जो सिर्फ आरटीओ को दिखती है!

जयपुर. क्या ऐसा कभी हो सकता है, कोई चीज उपस्थित न हो फिर भी दिख जाए? आपका जवाब होगा ‘नहींÓ, लेकिन कोटा आरटीओ के पास शायद ऐसी ‘शक्तिÓ है जो सैकड़ों किलोमीटर दूर चल रही गाड़ी को भी अपने यहां मौजूद देख लेता है। एक ट्रक के मामले में ऐसा ही हुआ। उसने जिस ट्रक को अपने यहां मौजूद बताया और ओवरलोड मानकर ब्लॉक किया, वह तो उस वक्त वहां था ही नहीं। फिर जयपुर आरटीओ को ट्रक नजर आया तो जब्त कर लिया। अब गफलत के सबूत लेकर चालक चक्कर काट रहा है लेकिन ट्रक नहीं छूट पाया है।
हुआ यों कि कोटा आरटीओ ने पिछली 4 जुलाई को किशोरपुरा टोल प्लाजा पर 14 टन ओवरलोड होने पर जयपुर नंबर के ट्रक का चालान बनाया था। चालान की राशि वसूलने के लिए जयपुर आरटीओ को संदेश भेजा गया। जबकि ट्रक मालिक जितेन्द्र आनंद का कहना है कि आरटीओ ने जिस जगह ओवरलोडिंग का चालान बनाया, वहां उनका ट्रक गया ही नहीं। उनका ट्रक तो 3 जुलाई की देर रात शाहजहांपुर से रींगस के लिए निकला था। अगले दिन रींगस से जयपुर होते हुए सिरोही गया था। शाहजहांपुर से रींगस और फिर सिरोही तक के टोल प्लाजा पर इसके सबूत मौजूद हैं। उनके ट्रक पर फास्टट्रेक रिकॉर्ड भी है। वह किशोरपुरा टोल पर जानकारी जुटाने पहुंचे तो पता चला कि चालान कटा तब ट्रक नहीं बल्कि ऐसे ही नम्बर का ट्रेलर वहां से गुजरा था। जबकि ट्रक को फिटनेस के लिए जगतपुरा आरटीओ कार्यालय लाए तो यहां उसे जब्त कर लिया गया। पीडि़त का आरोप है कि ट्रक किशोरपुरा टोल पर गया ही नहीं, इसके सबूत देने के बावजूद ट्रक नहीं छोड़ा जा रहा है।
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ऑनलाइन दिनांक अलग, पर्ची अलग दिन की
परिवहन विभाग ने ऑनलाइन चालान 4 जुलाई का दिखा रखा है। जबकि पीडि़त को चालान की पर्ची 16 अप्रेल की भेजी है। पीडि़त ने बताया कि 16 अप्रेल को भी उनका ट्रक कोटा में नहीं बल्कि जालोर के सुमेरपुर में था। उस मार्ग पर पडऩे वाले टोल की रसीदें इसकी साक्षी हैं।
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एक नंबर की दो गाडिय़ां चल रही हैं, इसकी जानकारी नहीं है। एनएचएआइ के टोल से वाहन ओवरलोड होने की सूचना मिली थी। इसी आधार पर चालान किया गया। ट्रक यहां नहीं आया था तो उसका मालिक सबूत पेश कर दे, ट्रक छोड़ देंगे। उक्त समय टोल प्लाजा से कौनसा वाहन निकला, यह एनएचएआइ से ही पता चलेगा।
– एमपी मीणा, एडिशनल आरटीओ, कोटा
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