गौरतलब है कि सीएम गहलोत चिदंबरम से मिलने तिहाड़ जेल जा चुके हैं। उल्लेखनीय है कि न्यायालय ने आईएनएक्स मीडिया मनी लॉन्ड्रिंग मामले में पी चिदंबरम को जमानत दी है।
चिदंबरम से मिलकर साधा था मोदी सरकार पर निशाना
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत तिहाड़ जेल में बंद रहे पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदंबरम से मुलाक़ात के बाद केंद्र की मोदी सरकार पर देश में बदले की भावना से राजनीति करने के आरोप लगाए थे। मीडिया से बातचीत में गहलोत ने कहा था कि चिदंबरम को बिना कोई आरोप के जेल में डाला गया है। ऐसा बदले की भावना से किया गया है।
तब सीएम गहलोत ने ये भी कहा था कि चिदंबरम और पूरी कांग्रेस पार्टी को ज्यूडिश्यरी पर पूरा भरोसा है। हमें भी विशवास है कि चिदंबरम को जल्द ही बेल मिलेगी।
आईएनएक्स मीडिया: धनशोधन मामले में चिदम्बरम को जमानत
न्यायालय ने दो लाख रुपये की जमानत राशि और इतनी ही राशि के दो मुचलकों पर जमानत देने का निर्णय लिया। कांग्रेस नेता अदालत की अनुमति के बिना देश नहीं छोड़ेंगे, साथ ही वह न तो किसी गवाह से बात करेंगे, न ही इस मामले में कोई सार्वजनिक टिप्पणी करेंगे, न कोई साक्षात्कार देंगे।
पीठ ने कहा कि उच्च न्यायालय की कुछ टिप्पणियों से वह सहमत नहीं है। पीठ ने दिल्ली उच्च न्यायालय द्वारा जमानत याचिका खारिज किये जाने के फैसले के खिलाफ अपील पर गत 28 नवम्बर को सुनवाई पूरी करते हुए फैसला सुरक्षित रख लिया था।
ईडी ने चिदंबरम की जमानत याचिका का विरोध करते हुए दावा किया था कि वह जेल में रहते हुए भी मामले के अहम गवाहों को प्रभावित कर रहे हैं। ईडी की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा था कि आर्थिक अपराध गंभीर प्रकृति के होते हैं, क्योंकि वे न सिर्फ देश की अर्थव्यवस्था को प्रभावित करते हैं, बल्कि व्यवस्था में लोगों के यकीन को भी ठेस पहुंचाते हैं।
उन्होंने कहा था कि जांच के दौरान ईडी को बैंक के 12 ऐसे खातों के बारे में पता चला, जिनमें अपराध से जुटाया गया धन जमा किया गया। एजेंसी के पास अलग-अलग देशों में खरीदी गयी 12 संपत्तियों के ब्यौरे भी हैं। उन्होंने दलील दी थी कि जेल में अभियुक्तों की समयावधि को जमानत मंजूर करने का आधार नहीं बनना चाहिए।