अभी यह भी पार करना है 1. पर्यावरण स्वीकृति की प्रक्रिया भी शुरू : इस प्रोजेक्ट के लिए पर्यावरण स्वीकृति के लिए भी आवेदन कर दिया गया है। इसके लिए प्रदूषण नियंत्रण मण्डल के अफसरों के साथ बैठक भी हो चुकी है। यूडीएच और जेडीए दोनों मिलकर इस पर काम कर रहे हैं।
2. कोर्ट से लेनी होगी अनुमति : हाईकोर्ट ने कुणाल रावत बनाम सरकार के केस में फिलहाल 32 मीटर तक ही निर्माण की अनुमति दे रखी है। अभी शहर में 42 मीटर ऊंचाई तक स्नार्गल लैडर और अब 70 मीटर ऊंचाई तक मशीन आ रही है। हालांकि,अफसरों ने तर्क दिया कि इससे ज्यादा ऊंचाई की इमारतों में आग बुझाने के लिए अंदरुनी ही संसाधन लगते हैं।
आईपीडी टॉवर की घटाई ऊंचाई
टॉवर की ऊंचाई 125 मीटर से घटाकर 115 मीटर किया जा रहा है और इसी आधार पर तीसरी बार टेंडर जारी किया गया है। इसमें भूतल व ऊपरी सभी मंजिलों की संख्या 22 ही रहेगी, इसके लिए हर मंजिल की ऊंचाई कुछ कम की जाएगी। इसके अलावा तीन की जगह अब दो ही बेसमेंट बनाए जाएंगे। मौजूदा प्लानिंग में से दो सर्विस फ्लोर हटाए जाएंगे। अब इनकी जरूरत नहीं मानी जा रही है। टॉवर की निर्माण लागत घटाने के लिए लगातार बदलाव किए जा रहे हैं।
टॉवर की ऊंचाई 125 मीटर से घटाकर 115 मीटर किया जा रहा है और इसी आधार पर तीसरी बार टेंडर जारी किया गया है। इसमें भूतल व ऊपरी सभी मंजिलों की संख्या 22 ही रहेगी, इसके लिए हर मंजिल की ऊंचाई कुछ कम की जाएगी। इसके अलावा तीन की जगह अब दो ही बेसमेंट बनाए जाएंगे। मौजूदा प्लानिंग में से दो सर्विस फ्लोर हटाए जाएंगे। अब इनकी जरूरत नहीं मानी जा रही है। टॉवर की निर्माण लागत घटाने के लिए लगातार बदलाव किए जा रहे हैं।