पेटेंट के डॉक्यूमेंट में कहा गया है कि कैपेसिटिव या प्रेशर सेंसिंग की मदद से मोबाइल डिवाइस फोर्स या टच सेंसिंग कर पाएंगे। इसका मतलब है कि डिवाइस का डिस्प्ले उंगलियों के प्रेशर और पानी की बूंदों की वजह से पड़ने वाले प्रेशर में अंतर समझ पाएगा। ऐपल का कहना है कि नई टेक्नॉलजी की मदद से डिस्प्ले ऐसी हालत में भी काम करेगा, जब यह किसी तरल में पूरी तरह डूबा हो। iPhone 7 के बाद ऐपल के सभी आईफोन मॉडल्स IP68 रेटिंग के साथ आते हैं, यानी कि वे दो मीटर गहराई तक पानी में आधे घंटे तक डूबने पर भी खराब नहीं होते और वॉटरप्रूफ हैं।
पानी या किसी और लिक्विड में भीगे होने की स्थिति में आप इन डिवाइसेज के डिस्प्ले पर स्क्रॉल नहीं कर सकते।इतना ही नहीं, आईफोन के डिस्प्ले पर पानी की कुछ बूंदें भी हों तो स्क्रीन का इस्तेमाल टच-इनपुट्स देते हुए नहीं किया जा सकता। यह नया पेटेंट ऐपल की ओर से अगस्त में फाइल किया गया था और इसे हाल ही में पब्लिश किया गया है। ऐसे में नई डिस्प्ले टेक्नॉलजी iPhone 12 में देखने को मिल सकती है और नई सीरीज ऐपल इस साल सितंबर में लॉन्च कर सकता है। बता दें, आईफोन में देने से पहले ऐपल इस डिस्प्ले को iPad या Apple Watch में भी टेस्ट कर सकता है।