06 ओवर में ऐसे जीते रॉयल्स
पहला ओवर: पहली ही गेंद पर नॉन स्ट्राइकर कोलिन मुनरो जोस बटलर के शानदार थ्रो पर रनआउट हो गए। के. गौतम के इस ओवर में 2 चौकों से दिल्ली ने 10 रन बनाए।
पहला ओवर: पहली ही गेंद पर नॉन स्ट्राइकर कोलिन मुनरो जोस बटलर के शानदार थ्रो पर रनआउट हो गए। के. गौतम के इस ओवर में 2 चौकों से दिल्ली ने 10 रन बनाए।
दूसरा ओवर: धवल कुलकर्णी ने किफायती गेंदबाजी करते हुए महज 5 रन दिए। तीसरा ओवर: जयदेव उनादकट की गेंदों पर दो चौकों व एक छक्के से 14 रन बने दिल्ली के। चौथा ओवर: बेन लॉफलिन के इस ओवर की चौथी गेंद पर ग्लेन मैक्सवेल को विकेटकीपर जोस बटलर ने लपका। मैक्सवेल 17 रन बना पैवेलियन लौटे। इस ओवर में लॉफलिन ने एक विकेट लिया और सात रन दिए।
पांचवां ओवर: दिल्ली को जीत के लिए 12 गेंदों में 35 रन की दरकार थी। उनादकट ने इस ओवर में 2 चौकों से 10 रन पड़े, हालांकि अंतिम गेंद पर उन्होंंने ऋषभ पंत को के. गौतम के हाथों कैच आउट भी करा दिया।
छठा ओवर: 6 गेंदों में 25 रन की दरकार थी दिल्ली को, गेंदबाज थे लॉफलिन। उन्होंने इस ओवर में विजय शंकर का विकेट लिया और एक चौका व एक ***** खाकर 14 रन दिए। इसके साथ ही रॉयल्स ने 10 रन से जीता मुकाबला।
डटे रहे दर्शक मैच में बार-बार बारिश होने के बावजूद भी ज्यादातर दर्शक डटे रहे। उनका जोश तेज बारिश भी कम नहीं कर सकी। बारिश से बचने के लिए दर्शकों ने अपने-अपने तरीके से जुगाड़ किया।
रॉयल्स प्रबंधन की कलई खुली
राजस्थान रॉयल्स के प्रबंधन की कलई पहले ही मैच में खुल गई। इस बार आरसीए ने मैचों के आयोजन से जुड़े सभी काम टीम फ्रें चाइजी को सौंप दिए थे। लेकिन टीम प्रबंधन ने जरूरी सुविधाओं पर ही ध्यान नहीं दिया। इसका नजारा मैदान पर भी दिखा, जब ग्राउंड्समैन ही बॉल ब्वॉय की भूमिका में दिखे। दरअसल रॉयल्स ने पहले मैच तक बॉल ब्वॉय के एक्रिडेशन कार्ड ही नहीं बनाए, जिससे उन्हें स्टेडियम में प्रवेश की अनुमति नहीं मिल सकी। इतना ही नहीं स्टेडियम में अत्यंत जरूरी ए बुलेंस व मेडिकल स्टाफ के पास भी एंट्री पास नहीं थे। नगर निगम से आए फायर फाइटर्स को भी हंगामा मचाने के बाद स्टेडियम में प्रवेश दिया गया।
राजस्थान रॉयल्स के प्रबंधन की कलई पहले ही मैच में खुल गई। इस बार आरसीए ने मैचों के आयोजन से जुड़े सभी काम टीम फ्रें चाइजी को सौंप दिए थे। लेकिन टीम प्रबंधन ने जरूरी सुविधाओं पर ही ध्यान नहीं दिया। इसका नजारा मैदान पर भी दिखा, जब ग्राउंड्समैन ही बॉल ब्वॉय की भूमिका में दिखे। दरअसल रॉयल्स ने पहले मैच तक बॉल ब्वॉय के एक्रिडेशन कार्ड ही नहीं बनाए, जिससे उन्हें स्टेडियम में प्रवेश की अनुमति नहीं मिल सकी। इतना ही नहीं स्टेडियम में अत्यंत जरूरी ए बुलेंस व मेडिकल स्टाफ के पास भी एंट्री पास नहीं थे। नगर निगम से आए फायर फाइटर्स को भी हंगामा मचाने के बाद स्टेडियम में प्रवेश दिया गया।
क्यूरेटर तापोष व ग्राउंड स्टाफ बने हीरो
ग्राउंड स्टाफ को भी मैदान को बार-बार सुखाने में खासी मेहनत करनी पड़ी। पिच क्यूरेटर तापोष चटर्जी और उनके ग्राउंड स्टाफ के सदस्य जैसे ही विकेट से कवर हटाते बारिश फिर से शुरू हो जाती। ऐसा लग रहा था मानो बारिश उनके साथ लुका छिपी का खेल खेल रही थी। बार-बार सुपर सोपर और अन्य संसाधनों से ग्राउंड को सुखाते और फिर बारिश उनकी मेहनत पर पानी फे र देती।हालांकि ग्राउंड स्टाफ की मेहनत रंग लाई और अंतत: रात 11 बजकर 58 मिनट खेल दोबारा शुरू हो सका।
ग्राउंड स्टाफ को भी मैदान को बार-बार सुखाने में खासी मेहनत करनी पड़ी। पिच क्यूरेटर तापोष चटर्जी और उनके ग्राउंड स्टाफ के सदस्य जैसे ही विकेट से कवर हटाते बारिश फिर से शुरू हो जाती। ऐसा लग रहा था मानो बारिश उनके साथ लुका छिपी का खेल खेल रही थी। बार-बार सुपर सोपर और अन्य संसाधनों से ग्राउंड को सुखाते और फिर बारिश उनकी मेहनत पर पानी फे र देती।हालांकि ग्राउंड स्टाफ की मेहनत रंग लाई और अंतत: रात 11 बजकर 58 मिनट खेल दोबारा शुरू हो सका।