रुपे और स्विगी से सालाना 48-50 करोड़ का सौदा
बीसीसीआई के लिए दो स्रोतों से बड़ी बढ़ोतरी आ रही है। सबसे पहले इस साल प्रायोजकों की संख्या में इजाफा हुआ है। रिपोर्ट के मुताबिक, उपलब्ध जानकारी के मुताबिक, रुपे और स्विगी के साथ सालाना 48-50 करोड़ रुपये का सौदा है।
बीसीसीआई के लिए दो स्रोतों से बड़ी बढ़ोतरी आ रही है। सबसे पहले इस साल प्रायोजकों की संख्या में इजाफा हुआ है। रिपोर्ट के मुताबिक, उपलब्ध जानकारी के मुताबिक, रुपे और स्विगी के साथ सालाना 48-50 करोड़ रुपये का सौदा है।
टाटा 335 करोड़ का भुगतान कर रहा
बीसीसीआई को दूसरा फायदा टाइटल स्पॉन्सरशिप डील से मिल रहा है। हालांकि टाटा समूह 335 करोड़ रुपये का भुगतान कर रहा है जो कि वीवो के भुगतान से कम है, लेकिन फिर भी बीसीसीआई लगभग 30-40 प्रतिशत अधिक कमाएगा। सूत्रों के मुताबिक डील को इस तरह ट्रांसफर किया गया है कि सभी घाटे को वीवो वहन करेगी। सूत्रों ने बताया कि बीसीसीआई को न केवल वीवो से अनुबंधित राशि मिलेगी, बल्कि आईपीएल 2022 और आईपीएल 2023 के मैचों की संख्या में वृद्धि के अनुपात में भुगतान भी मिलेगा।
विवो ने आगामी दो सत्रों के दौरान मैचों की संख्या में वृद्धि के कारण आईपीएल 2022 के लिए 484 करोड़ रुपये और आईपीएल 2023 के लिए 512 करोड़ रुपये का भुगतान करने पर सहमति व्यक्त की थी।
वीवो को अगले दो सीजनों में बीसीसीआई को 996 करोड़ रुपये का भुगतान करना था। अब टाटा समूह ने इसी अवधि के लिए सिर्फ 670 करोड़ रुपये गिरवी रखे हैं, जिससे घाटा वीवो द्वारा वहन किया जाएगा।
बीसीसीआई को दूसरा फायदा टाइटल स्पॉन्सरशिप डील से मिल रहा है। हालांकि टाटा समूह 335 करोड़ रुपये का भुगतान कर रहा है जो कि वीवो के भुगतान से कम है, लेकिन फिर भी बीसीसीआई लगभग 30-40 प्रतिशत अधिक कमाएगा। सूत्रों के मुताबिक डील को इस तरह ट्रांसफर किया गया है कि सभी घाटे को वीवो वहन करेगी। सूत्रों ने बताया कि बीसीसीआई को न केवल वीवो से अनुबंधित राशि मिलेगी, बल्कि आईपीएल 2022 और आईपीएल 2023 के मैचों की संख्या में वृद्धि के अनुपात में भुगतान भी मिलेगा।
विवो ने आगामी दो सत्रों के दौरान मैचों की संख्या में वृद्धि के कारण आईपीएल 2022 के लिए 484 करोड़ रुपये और आईपीएल 2023 के लिए 512 करोड़ रुपये का भुगतान करने पर सहमति व्यक्त की थी।
वीवो को अगले दो सीजनों में बीसीसीआई को 996 करोड़ रुपये का भुगतान करना था। अब टाटा समूह ने इसी अवधि के लिए सिर्फ 670 करोड़ रुपये गिरवी रखे हैं, जिससे घाटा वीवो द्वारा वहन किया जाएगा।
वीवो ट्रांसफर फीस भी देगा
इतना ही नहीं, बल्कि अनुबंध की समझ के अनुसार, वीवो बीसीसीआई को 'ट्रांसफर फीसÓ भी देगा जैसा कि उस समय हुआ था जब ओप्पो ने बायजू को अपने अधिकार हस्तांतरित किए थे। यह सब टाइटल स्पॉन्सरशिप स्लॉट से बीसीसीआई के लिए 600 करोड़ रुपये से अधिक का होगा। रिपोर्ट के अनुसार, बीसीसीआई ने पहली बार आईपीएल के सभी छह आधिकारिक पार्टनर स्लॉट भरे हैं। इनसाइड स्पोर्ट ने बताया कि स्विगी इंस्टामार्ट और रुपे नए जोड़े हैं। दोनों 48-50 करोड़ रुपये की सीमा में भुगतान कर रहे हैं। बीसीसीआई टाइटल स्पॉन्सरशिप स्लॉट से बोर्ड के खजाने में 550-600 करोड़ रुपये जुड़ जाएंगे। रिपोर्ट में कहा गया है कि पेटीएम आधिकारिक भागीदार के रूप में और सिएट रणनीतिक समयआउट भागीदार के रूप में जारी है।
इतना ही नहीं, बल्कि अनुबंध की समझ के अनुसार, वीवो बीसीसीआई को 'ट्रांसफर फीसÓ भी देगा जैसा कि उस समय हुआ था जब ओप्पो ने बायजू को अपने अधिकार हस्तांतरित किए थे। यह सब टाइटल स्पॉन्सरशिप स्लॉट से बीसीसीआई के लिए 600 करोड़ रुपये से अधिक का होगा। रिपोर्ट के अनुसार, बीसीसीआई ने पहली बार आईपीएल के सभी छह आधिकारिक पार्टनर स्लॉट भरे हैं। इनसाइड स्पोर्ट ने बताया कि स्विगी इंस्टामार्ट और रुपे नए जोड़े हैं। दोनों 48-50 करोड़ रुपये की सीमा में भुगतान कर रहे हैं। बीसीसीआई टाइटल स्पॉन्सरशिप स्लॉट से बोर्ड के खजाने में 550-600 करोड़ रुपये जुड़ जाएंगे। रिपोर्ट में कहा गया है कि पेटीएम आधिकारिक भागीदार के रूप में और सिएट रणनीतिक समयआउट भागीदार के रूप में जारी है।