पुलिस मुख्यालय में पदस्थ पुलिस अधीक्षक (सीआइडी) मदनगोपाल मेघवाल ने शुक्रवार शाम वीआरएस मंजूर कराया। देर रात कांग्रेस ने लिस्ट घोषित की लेकिन बीकानेर के खाजूवाला से उन्हें टिकट नहीं मिला। राजस्थान पुलिस सेवा से पदोन्नत होकर वर्ष 2015 में आइपीएस बने मेघवाल की अभी पांच साल की नौकरी बाकी थी।
ऐसे ही प्रशासनिक अधिकारी अपीलीय प्राधिकरण के अध्यक्ष ओमप्रकाश सैनी भी चुनाव की तैयारी में जुटे हैं। मूलत: जयपुर निवासी सैनी चौमूं से टिकट की दावेदारी कर रहे हैं। उन्होंने शनिवार दोपहर कार्मिक विभाग को वीआरएस भेज दिया। विभाग से इसकी पुष्टि भी की है।
वहीं इधर… अपनी एक सीट के लिए बिगाड़ दिया पूरे बीकानेर का गणित
महत्वाकांक्षाओं की टकराहट राजनीति का सबसे पुराना शगल रहा है। ये टकराव विपक्षी दलों के नेताओं के साथ भी चलता है, तो अपने दल में उभरते नेताओं के साथ भी। अपने दल में उभरते नेताओं के साथ ये टकराव कभी तेज तो कभी धीमी होती रहती है। लेकिन इस टकराहट के साथ राजनीति के आधुनिक दौर में अपनी सीट को सुरक्षित बनाने अथवा सुरक्षित सीट तलाशने का सिलसिला भी बढ़ता जा रहा है। हर दल के बड़े नेता अपनी जीत सुनिश्चित करने के लिए ऐसे दावं चलते है कि सामने वाला कुछ समझ ही नहीं पाता। राजस्थान विधानसभा चुनाव के लिए प्रदेश के सभी प्रमुख दल टिकट बांटने की प्रक्रिया के दौर से गुजर रहे है।
महत्वाकांक्षाओं की टकराहट राजनीति का सबसे पुराना शगल रहा है। ये टकराव विपक्षी दलों के नेताओं के साथ भी चलता है, तो अपने दल में उभरते नेताओं के साथ भी। अपने दल में उभरते नेताओं के साथ ये टकराव कभी तेज तो कभी धीमी होती रहती है। लेकिन इस टकराहट के साथ राजनीति के आधुनिक दौर में अपनी सीट को सुरक्षित बनाने अथवा सुरक्षित सीट तलाशने का सिलसिला भी बढ़ता जा रहा है। हर दल के बड़े नेता अपनी जीत सुनिश्चित करने के लिए ऐसे दावं चलते है कि सामने वाला कुछ समझ ही नहीं पाता। राजस्थान विधानसभा चुनाव के लिए प्रदेश के सभी प्रमुख दल टिकट बांटने की प्रक्रिया के दौर से गुजर रहे है।