वरिष्ठताक्रम में पंकज चौथे पायदान पर हैं। वरिष्ठता के आधार पर दूसरे नम्बर पर मौजूद अक्षय मिश्रा लम्बे समय से राज्य से बाहर प्रतिनियुक्ति पर हैं। ऐसे में वह डीजीपी की दौड़ में भी शामिल नहीं हैं। अत: तकनीकी आधार पर पंकज वरीयता में तीसरे क्रम में सबसे वरिष्ठ अधिकारी है। पंकज की दावेदारी सामने आते ही राज्य सरकार की योग्यता सूची भी गड़बड़ा गई है। सरकार ने अक्षय और पंकज को इस दौड़ में नहीं मानते हुए 10 आईपीएस अफसरों की सूची तैयार की। अब पंकज के दावा पेश करने की बाद उन्होंने 11 अफसरों की नई योग्यता सूची बनाई है। यह सूची संघ लोक सेवा आयोग को भेजी जाएगी।
इस सूची के आधार पर आयोग डीजीपी पद के लिए योग्य तीन अफसरों का पैनल बनाकर सरकार को भेजेगा। राज्य सरकार इस पैनल में से किसी भी अफसर को डीजीपी की जिम्मेदारी सौंपने के लिए स्वतंत्र होगी। दरअसल, राज्य के कार्मिक विभाग ने तय प्रक्रिया के तहत पंकज से डीजीपी पद पर चयन के लिए सहमति मांगी। पंकज ने हाथों—हाथ ना केवल सहमति दी, बल्कि अपना बॉयोडेटा भी कार्मि विभाग को भेज दिया। मौजूदा डीजीपी भूपेन्द्र यादव के वीआरएस मांगने के बाद सरकार ने राजस्थान पुलिस का नया मुखिया चुनने के लिए प्रक्रिया शुरु कर दी। इसके लिए सरकार ने राज्य में तीस साल की नौकरी पूरी कर चुके सभी आईपीएस अफसरों के लिए इस पद के लिए योग्य माना है।
गहलोत के सत्ता में आते ही चले गए थे मिश्रा
वरिष्ठताक्रम में दूसरे नम्बर पर मौजूद अक्षय कुमार मिश्रा वर्ष 1999 से लगातार प्रतिनियुक्ति पर हैं। अशोक गहलोत जब पहली बार मुख्यमंत्री चुने गए, तब मिश्रा जोधपुर पुलिस अधीक्षक के पद पर तैनात थे। गहलोत के सत्ता में आते ही वह इंटेलिजेंस ब्यूरो आईबी में प्रतिनियुक्ति पर चले गए। मिश्रा फिलहाल आईबी में अतिरिक्त निदेशक के पद पर तैनात हैं।
यक्ष प्रशन: कौन होंगे अंतिम तीन
पंकज के डीजीपी की दौड़ में आते ही बीएल सोनी सर्वाधिक प्रभावित होते नजर आ रहे हैं। हालांकि मौजूदा सरकार में सोनी की छवि बेहतर है। वरिष्ठता के आधार पर सोनी पांचवें क्रम पर हैं। अक्षय को दौड़ में नहीं मानने पर भी सोनी की वरिष्ठता चौथेक्रम पर आकर रुक जाती है। आयोग सिर्फ तीन अफसरों का पैनल भेजेगा। ऐसे में वरिष्ठता के आधार पर राजीव दासोत, एमएल लाठर और पंकज के नाम इस पैनल में शामिल होने की उम्मीद है।