महिलाओं के लिए भी जरूरी
अध्ययन में यह भी सामने आया कि आयरन की कमी से महिलाओं के मानसिक स्वास्थ्य पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। इस संबंध में निकोलस कॉपरनिकस यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने पाया कि आयरन की कमी से महिलाओं का मूड खराब रहता है। मासिक धर्म के दौरान यह स्थिति ज्यादा पाई गई। शोधकर्ताओं का मानना है कि यदि महिलाओं में न्यूट्रिशंस की कमी है तो वे मूडी होने के साथ ही मोटिवेशन की भी कमी महसूस करती हैं। पौलेंड के वैज्ञानिकों की टीम का भी मानना है कि आयरन की कमी से डिप्रेशन जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
रोजमर्रा के कामों में बाधा
इस नए शोध से समाने आया कि जिन बच्चों और युवाओं में आयरन की कमी थी, उन्हें रोजमर्रा के कामों को करने में भी समस्या का सामना करना पड़ता है। आयरन की कमी से ग्रसित बच्चे तार्किक क्षमता वाले काम नहीं कर पाए, जबकि जिन बच्चों को कुछ दिनों तक नेचुरल आयरन सप्लीमेंट दिया, उनका प्रदर्शन बेहतर था। वैज्ञानिकों का मानना है कि ब्रेन सेल्स के फंक्शन के लिए आयरन बहुत आवश्यक है। कुछ पूर्व के अध्ययनों से भी यह सामने आया कि मेंटल हेल्थ के साथ ही फिजिकल फंक्शन के लिए भी आयरन जरूरी मिनरल है।