लोहे के सौर सेल से मिलेगी 30 प्रतिशत अतिरिक्त बिजली
जयपुरPublished: Nov 16, 2019 12:30:05 am
अक्षय ऊर्जा का सबसे बेहतरीन स्रोत है सौर ऊर्जालोहे पर आधारित वैकल्पिक सौर सेल विकसित करने के प्रयास
जयपुर।
(Iron solar cell ) इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के बढऩे के साथ ही बिजली की डिमांड भी दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। वर्तमान में जो विद्युत उत्पादन के संसाधन हैं वह सीमित हैं। ऐसे में बढ़ती बिजली की मांग को पूरा करने के लिए सौर ऊर्जा को एक बेहतर विकल्प के रूप में देखा जा रहा है। सौर ऊर्जा से बिजली उत्पादन बढ़ाए जाने और इससे बनने वाली बिजली को स्टोर करने के लिए लगातार प्रयोग और अनुसंधान चल रहे हैं। हाल ही में स्वीडन की एलयूएनडी यूनिवर्सिटी की ओर से किए गए अध्ययन में पता चला है कि सोलर पैनल में लगे प्रकाश अवशोषित करने वाले अणुओं में से 30 प्रतिशत ऊर्जा अज्ञात तरीके से समाप्त हो जाती है। इस खामी को दूर करने के लिए शोधकर्ताओं ने नया तरीका खोजा है। विश्वविद्यालय शोधकर्ताओं ने समाधान के तौर पर लोहे पर आधारित वैकल्पिक सौर सेल विकसित करना शुरू कर दिया है।
उम्मीद की जा रही है कि इससे सोलर सेल के उपयोग को अधिक एफिशिएंट बनाया जा सकेगा।
इस शोध के पहले चरण के रूप में, एक अन्य अंतरराष्ट्रीय शोध दल ने हाल ही में अमेरिका के स्टैनफोर्ड में एक इलेक्ट्रॉन लेजर का प्रयोग किया, जिसका उद्देश्य यह पता लगाना था कि, प्रकाश-अवशोषित करने वाले लोहे के अणु इलेक्ट्रॉनों को किस स्थिति में स्थानांतरित करते हैं जहां से कि हम और ऊर्जा को निकाल सकते है।
यह देखा गया कि एक-तिहाई मामलों में, ऊर्जा निकालने के लिए इलेक्ट्रॉन लंबे समय तक एक ही स्थिति में नहीं रहते है। विश्वविद्यालय के रसायन शास्त्र के शोधकर्ता और अध्ययनकर्ता जेन्स उहिग कहते हैं कि शोध में पाया गया है कि ऊर्जा अज्ञात तरीके से बहुत तेजी से गायब हो गई थी।
जेन्स कहते हैं कि, यदि हम सभी अणुओं से ऊर्जा निकालने का एक तरीका खोज लेते हैं, तो इन लौह-आधारित सौर सेलों यानि प्रकाश सक्रिय उत्प्रेरक की दक्षता काफी बढ़ जाएगी। जेन्स ने कहा के वे इस बात से आश्वस्त हैं कि पृथ्वी की सतह में भरपूर मात्रा में पाया जाने वाला संसाधन लोहा है, जिससे इस समस्या का समाधान हो सकता है।