2017 में फिर प्रयास
सरकार ने वर्ष 2017 में फिर से सरकारी उपक्रमों को निजी हाथों में देने के लिए सूची तैयार की। इसमें भी एचसीएल को शामिल किया जा रहा था, लेकिन श्रमिक संगठनों के विरोध के बाद इस प्रक्रिया को भी रोक दिया गया।
सरकार ने वर्ष 2017 में फिर से सरकारी उपक्रमों को निजी हाथों में देने के लिए सूची तैयार की। इसमें भी एचसीएल को शामिल किया जा रहा था, लेकिन श्रमिक संगठनों के विरोध के बाद इस प्रक्रिया को भी रोक दिया गया।
मजदूर नेता बोले-विरोध नहीं करते तो सरकार कब की बेच चूकी होती
भारतीय मजदूर संघ के श्याम लाल सैनी व खेतड़ी ताम्बा श्रमिक संघ के बिडदूराम सैनी ने बताया कि केसीसी को कई बार बेचने का प्रयास किया गया। देशी के अलावा विदेशी कम्पानियों ने भी रूचि दिखाई, लेकिन मजदूर संगठनों के विरोध के कारण सरकार ऐसा नहीं कर पाई। एक बार तो निजीकरण के खिलाफ गिरफ्तारी भी दी।
भारतीय मजदूर संघ के श्याम लाल सैनी व खेतड़ी ताम्बा श्रमिक संघ के बिडदूराम सैनी ने बताया कि केसीसी को कई बार बेचने का प्रयास किया गया। देशी के अलावा विदेशी कम्पानियों ने भी रूचि दिखाई, लेकिन मजदूर संगठनों के विरोध के कारण सरकार ऐसा नहीं कर पाई। एक बार तो निजीकरण के खिलाफ गिरफ्तारी भी दी।