इजरायली दूतावास ने दिल्ली बुलाए अपने देश के पर्यटक, विमान से भेजेगा तेलअवीब
इधर राज्य के अजमेर जिले के तीर्थराज पुष्कर में सख्ती के बावजूद सैकड़ों विदेशी पर्यटक अब भी विभिन्न होटलों में मौजूद हैं। पुष्कर के विधायक सुरेश रावत ने पत्र लिखकर इन्हें वापस भेजने की मांग की है। इसके बावजूद अब तक सरकारी स्तर पर कोई कदम नहीं उठाया गया है। इससे पहले इजरायली पर्यटकों को उनके दूतावास ने कल पुष्कर से बसों के जरिए दिल्ली बुलवा लिया। जहां से ये अपने देश रवाना हो जाएंगे। उधर सैकड़ो पर्यटक अब भी पुष्कर में ही मौजूद हैं। फिलहाल इन पर राज्य एवं केंद्र सरकार कोई फैसला नहीं कर पाई है। इधर राजस्थान में कोरोना वायरस से बचाव एवं उसकी रोकथाम के लिए लगाये गये लॉकडाउन का पुलिस के सख्ती बरतने पर असर दिखने लगा और राजधानी जयपुर सहित अन्य शहरों की सड़कों पर सुबह से सन्नाटा नजर आ रहा। राज्य में जयपुर, कोटा, जोधपुर, अजमेर, बीकानेर, भीलवाड़ा, उदयपुर सहित सभी शहरों में लॉकडाउन की पालना कराने के लिए पुलिस मुस्तैद नजर आई और जगह जगह अवरुद्ध लगाकर लोगों से पहचान पत्र मांगे और बिना जरुरी काम के बाहर निकले लोगों को वापस घरों को भेजा गया।
लॉकडाउन के चलते दवा, दूध और जरूरी सामान की दुकानें खुली रही और इस दौरान सरकारी कर्मचारी, अस्पताल, मीडिया एवं अन्य आवश्यक सेवा के लोगों को पहचान पत्र देखकर ही जाने दिया जा रहा है। पुलिस ने पैदल निकल रहे लोगों से भी पूछताछ कर रही है। लॉकडाउन के दौरान उदयपुर में कुछ लोगों के इसकी पालना नहीं करने पर पुलिस को सख्ती बरतनी पड़ी और वहां एकत्रित लोगों को खदेडऩा गया। राज्य में लॉकडाउन की पालना नहीं करने वाले कई लोगों के चालान काटे और कई वाहन भी जब्त किये गये। उल्लेखनीय है कि प्रदेश में लॉकडाउन के दौरान सोमवार को लोगों ने इसकी पालना नहीं करते हुए घर से बाहर निकले थे। इसके बाद मुख्यमंत्री गहलोत ने सख्त हिदायत देते हुए कहा था कि लॉकडाउन को ही कर्फ्यू माना जाए। लोगों ने अगर लॉकडाउन को गंभीरता से नहीं लिया तो पूरे प्रदेश में कर्फ्यू लगा दिया जाएगा। निजी वाहनों के परिवहन पर भी रोक लगा दी गई है और एक शहर से दूसरे शहरों में जाने से रोका जा रहा है ताकि कोरोना वायरस के फैलने से रोका जा सके।