दो इलेक्ट्रोड के बीच लगाया एंटीना…
शोधकर्ताओं ने 4 पहियों वाले रोबोट पर इस कीट के एंटीना को दो इलेक्ट्रोड (Electrode) के बीच लगाया, जो कि नजदीकी गंध सूंघकर इलेक्ट्रिकल सिग्नल भेजता है। प्रत्येक गंध का अपना एक खास सिग्नेचर होता है। मशीन लर्निंग की मदद से रोबोट का इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम इनकी पहचान कर सकता है। सागोल स्कूल ऑफ न्यूरोसाइंस की शोधकर्ता नेता शविल (Neta Shvil ) ने बताया, ‘हम ऐसा रोबोट बनाने की कोशिश कर रहे हैं, जिसमें सूंघने की क्षमता हो और जो अलग-अलग गंध के बीच फर्क कर सके। साथ ही, यह भी पता लगा सके कि गंध कहां और किस चीज से आ रही है।
भविष्य में बहुत संभावनाएं
वैज्ञानिक यह समझने में जुटे हैं कि कुछ जानवर गंध से बीमारी का कैसे पता लगाते हैं। सहयोगी डेवलपर फ्लेशमैन फैकल्टी ऑफ इंजीनियरिंग और सागोल स्कूल ऑफ न्यूरोसाइंस में रिसर्चर बेन मोएज (Ben Moaz) का कहना है, इस जानकारी से भविष्य में बहुत संभावनाएं हैं। मसलन, इसकी मदद से ड्रग्स और विस्फोटकों की ज्यादा सटीक पहचान हो सकती है। साथ ही खाने की चीजों की गुणवत्ता सुनिश्चित की जा सकती है।
लंबे समय से प्रयोग
टिड्डी अपने संवेदनशील एंटीना का इस्तेमाल कर आस-पास की हवा के रासायनिक बदलाव का पता लगाती हैं। इससे उन्हें करीबी आबोहवा की रासायनिक गंध के बारे में बहुत तेज और सटीक जानकारी मिलती है। सूंघने की ऐसी क्षमता कई और कीट-पतंगों में भी पाई जाती है। वैज्ञानिक लंबे समय से जानवरों के जैविक सूंघने वाले सेंसरों पर प्रयोग कर रहे हैं। इसकी मदद से एक बायो-हाइब्रिड सेंसर विकसित करने में कामयाबी मिली है, जो जीवों के जैविक सेंसरों और इलेक्ट्रॉनिक पुर्जो का खास मिश्रण है।