भारत में अगर एक्सेंचर की बात करें तो अक्टूबर की शुरुआत में कंपनी में 3,000 से अधिक जॉब ओपनिंग्स थी जो अब बढ़़कर 7,000 से अधिक हो चुकी हैं। आईबीएम में एंट्री लेवल से लेकर विभिन्न पदों के लिए 1,725 पदों पर हायरिंग हो रही है। विप्रो में भी इस समय लगभग 800 पदों पर हायरिंग हो रही है। एक रिपोर्ट के अनुसार कंपनियों द्वारा जिन प्रमुख रोल के लिए हायरिंग की जा रही है, उनमें देखें तो एक फुल स्टैक डेवलपर को प्रोग्रामिंग की भाषाओं के ज्ञान रखने वाले को यानी एक फुल स्टैक डेवलपर एंट्री लेवल पर सालाना 46 लाख रुपए के बीच और 12 साल के अनुभव के साथ प्रति वर्ष 40-80 लाख रुपए तक का पैकेज दिया जा रहा है।
प्रोग्रामिंग भाषाओं का ज्ञान होना वाले फ्रेशर वहीं डेटा फ्रेमवर्क पर काम करने के लिए डेटा इंजीनियरों को पायथन और आर जैसी प्रोग्रामिंग भाषाओं का ज्ञान होना वाले फ्रेशर सालाना 4-6 लाख रुपए और तीन साल के अनुभव के साथ 14-15 लाख रुपए प्रतिवर्ष व 12 साल के अनुभव के साथ एक डेटा इंजीनियर प्रति वर्ष 70 लाख रुपए तक का पैकेज दिया जा रहा है। क्लाउड कंप्यूटिंग मार्केट कोविड महामारी के दौरान काफी बढ़ा है। विप्रो के सीईओ डेलपॉर्टे का भी कहना है कि क्लाउड और न्यू एज टैक्नोलॉजी आने वाले समय में फर्म के विकास को बढ़ावा देंगे। अमेजन वेब सर्विसेज और गूगल क्लाउड जैसे प्लैटफार्म्स पर इस समय बंपर हायरिंग चल रही है। क्लाउड प्रोफेसनल्स प्रति वर्ष 4 लाख रुपये से लेकर 35 लाख रुपए तक का पैकेज शामिल है।
महामारी में साइबर सिक्योरिटी की भी जरूरत बढ़ी
कोविड महामारी के दौरान वर्क फ्रॉम होम के दौरान साइबर सिक्योरिटी की भी जरूरत बढ़ी है और इसके साथ ही इस क्षेत्र में प्रोफेसनल्स की जरूरत भी बढ़ी है। इसी कड़ी में ट्विटर और पेयू जैसी कंपनियों में भी भर्तियां हुई हैं। सालाना कमाई की बात करें तो एक्सपीरियंस के आधार पर एक साइबर सिक्योरिटी प्रोफेसनल 4 लाख से 1 करोड़ तक की कमाई कर सकता है।