scriptयुवाओं को क्रिकेट के अलावा अन्य खेलों को अपनाते देखना अच्छा : भूटिया | It is good to see youth adopting sports other than cricket: Bhutia | Patrika News

युवाओं को क्रिकेट के अलावा अन्य खेलों को अपनाते देखना अच्छा : भूटिया

locationजयपुरPublished: Jun 17, 2020 10:34:37 pm

Submitted by:

Satish Sharma

भारतीय फुटबाल टीम के पूर्व कप्तान बाइचुंग भूटिया ने कहा है कि उन्हें यह देखकर अच्छा लग रहा है कि युवा अब क्रिकेट के अलावा दूसरे अन्य खेलों को भी अपना रहे हैं और उन्हें फॉलो कर रहे हैं। भूटिया ‘स्पेशल ओलंपिक भारतÓ के एक ऑनलाइन सत्र में संबोधित कर रहे थे।

 भूटिया

भूटिया

नई दिल्ली। भारतीय फुटबाल टीम के पूर्व कप्तान बाइचुंग भूटिया ने कहा है कि उन्हें यह देखकर अच्छा लग रहा है कि युवा अब क्रिकेट के अलावा दूसरे अन्य खेलों को भी अपना रहे हैं और उन्हें फॉलो कर रहे हैं। भूटिया ‘स्पेशल ओलंपिक भारतÓ के एक ऑनलाइन सत्र में संबोधित कर रहे थे। इसमें भूटिया के अलावा पूर्व भारतीय तैराकी चैंपियन बुला चौधरी, सात बार के राष्ट्रीय टेनिस चैंपियन गौरव नाटेकर और प्रो वॉलीबाल लीग के मुख्य कार्यकारी अधिकारी जॉय भट्टाचार्य ने भी हिस्सा लिया। इस पहल में खेल के दिग्गज स्पेशल एथलीट और उनके अभिभावकों के साथ अपने अनुभवों को साझा कर रहे हैं।
भूटिया ने कहा, यह देखकर बहुत अच्छा लग रहा है कि युवा अब क्रिकेट के अलावा अन्य खेलों को भी अपना रहे हैं और उन्हें फॉलो कर रहे हैं। इसके लिए मैं देश में यूरोपीय फुटबाल के सीधा प्रसारण को श्रेय देना चाहूंगा। यह खेल 20 साल पहले की तुलना में अब बच्चों के बीच अधिक लोकप्रिय है। उन्होंने कहा, अभी इस बात की सबसे ज्यादा जरूरत है कि खिलाड़ी या बच्चे जिस खेल में दिलचस्पी ले रहे हैं, उसके लिए वे मैदान में उतरे। हमारे यहां प्रतिभा की कोई कमी नहीं है लेकिन इसके लिए जरूरी है कि लोग अपने बच्चों को खेलने के लिए मैदान में लाएं। भूटिया ने साथ ही कहा, हमें युवाओं को प्रोत्साहित करने और देश में फुटबाल और अन्य खेलों की संस्कृति को बढ़ाने के लिए जमीनी स्तर पर अधिक से अधिक प्रतियोगिताओं का आयोजन करना चाहिए। वहीं, स्पेशल ओलंपिक भारत के संस्थापक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी एअर मार्शल डेंजिल कीलोर (सेवानिवृत) ने कहा, हमारे स्पेशल एथलीट सैकड़ों की संख्या में प्रशिक्षण लेते हैं। विश्व खेलों में भाग लेते हैं और पदक जीतते है, जिसकी संख्या किसी भी अन्य महासंघ से अधिक है, लेकिन इसको लेकर हमें जागरुकता बढ़ाने की जरूरत है।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो