जयपुरPublished: May 05, 2020 08:44:27 pm
Mukesh Sharma
(Supreme court) सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को एक सुनवाई के दौरान टिप्पणी की कि इन दिनों कोरोना वायरस के संबंध में (Govt orders) सरकार के फैसलों को (extensivley) बहुतायत में चुनौती दी जा रही है तथा अन्य कोई याचिका नहीं आ रही हैं ऐसा लगता है कि (Every one is corona expart) हर कोई कोरोना एक्सपर्ट हो गया है।
जयपुर
(Supreme court) सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को एक सुनवाई के दौरान टिप्पणी की कि इन दिनों कोरोना वायरस के संबंध में (Govt orders) सरकार के फैसलों को (extensivley) बहुतायत में चुनौती दी जा रही है तथा अन्य कोई याचिका नहीं आ रही हैं ऐसा लगता है कि (Every one is corona expart) हर कोई कोरोना एक्सपर्ट हो गया है। जस्टिस अशोक भूषण,जस्टिस संजय किशन कौल और जस्टिस बीआर गवई ने यह टिपप्णी पूर्व पुलिस सहायक आयुक्त भानुप्रताब बर्गे की याचिका पर सुनवाई के दौरान की।
पुलिसकर्मियों का वेतन काटने के आदेश पर रोक से इनकार—
कोर्ट ने पुलिसकर्मियों का वेतन काटने के सरकार के आदेश पर रोक लगाने से इनकार कर दिया। कोर्ट ने याचिकाकर्ता को याचिका वापिस लेने की छूट देते हुए कहा कि यह नीतिगत मामला है और सरकार को प्रतिवेदन दिया जा सकता है।
फिर भी कट रहा है वेतन !—
कोर्ट ने कहा कि पुलिस कोरोना के खिलाफ लडाई में फ्रंटलाईन पर है इसके बाद भी उनका वेतन काटा जा रहा है और इसके लिए कोई एक समान नीति नहीं है। कुछ राज्य ऐसा कर रहे हैं और कुछ नहीं। ज्यादा से ज्यादा केन्द्र सरकार ही इसमें सुझाव देने का काम कर सकती है।
दरअसल पूर्व सहायक पुलिस आयुक्त भानुप्रताक बर्गे ने पुलिसकर्मियों को रिस्क और हार्डशिप एलाउंस देने के निर्देश देने तथा लॉकडाउन के दौरान कुछ राज्य सरकारों के वेतन कटौती के आदेश को वापिस लेने की गुहार की थी। याचिकाकर्ता का कहना था कि सरकार को ना केवल पुलिसकर्मियों को विशेष प्रोत्साहन देना चाहिए बल्कि उन्हें लॉक डाउन की पालना करवाने के लिए अलग से इंसेटिव भी मिलना चाहिए।