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40 वर्ष से 500 परिवार रह रहे, सुविधा भी सभी…लेकिन पट्टे नहीं मिले

locationजयपुरPublished: Mar 17, 2023 12:00:16 pm

Submitted by:

Ashwani Kumar

दुर्गापुरा रेलवे स्टेशन (Durgapura Railway Station) से सटी जादौन नगर ए (Jadaun Nagar A)और माधव नगर (Madhav Nagar) में 40 वर्ष से लोग रह रहे हैं। यदि जेडीए (JDA) यहां शिविर लगा दे तो 500 से अधिक लोगों को अपने भूखंड का पट्टा (Patta Of plot) मिल जाए। जबकि दोनों ही कॉलोनियों में मूलभूत सुविधाएं भी हैं। सीसी रोड से लेकर सीवर लाइन और स्ट्रीट लाइट भी लगी हैं, लेकिन कॉलोनी का अब तक नियमन नहीं हो पाया है। दो बार जेडीए पीटी सर्वे भी करवा चुका।

40 वर्ष से 500 परिवार रह रहे, सुविधा भी सभी...लेकिन पट्टे नहीं मिले

40 वर्ष से 500 परिवार रह रहे, सुविधा भी सभी…लेकिन पट्टे नहीं मिले

जयपुर. दुर्गापुरा रेलवे स्टेशन (Durgapura Railway Station) से सटी जादौन नगर ए (Jadaun Nagar A)और माधव नगर (Madhav Nagar) में 40 वर्ष से लोग रह रहे हैं। यदि जेडीए (JDA) यहां शिविर लगा दे तो 500 से अधिक लोगों को अपने भूखंड का पट्टा (Patta Of plot) मिल जाए। जबकि दोनों ही कॉलोनियों में मूलभूत सुविधाएं भी हैं। सीसी रोड से लेकर सीवर लाइन और स्ट्रीट लाइट भी लगी हैं, लेकिन कॉलोनी का अब तक नियमन नहीं हो पाया है। दो बार जेडीए पीटी सर्वे भी करवा चुका। कॉलोनी की विकास समिति के सदस्य जेडीसी से लेकर जोन उपायुक्त तक कई बार मिल चुके, लेकिन कोई समाधान नहीं निकला।
स्थानीय जय सिंह शक्तावत ने बताया कि 10 वर्ष से पट्टे के लिए प्रयास कर रहे हैं, लेकिन अधिकारी ध्यान नहीं दे रहे। उन्होंने बताया कि दोनों कॉलोनियों से सटी रघु विहार, शांति नगर, नालंदा विहार और विश्वकर्मा नगर में पहले ही पट्टे जारी हो चुके हैं।
… तो लोगों को मिले राहत

-जिन भूखंडों के स्वामित्व संबंधी विवाद नहीं हैं, जेडीए उनके पट्टे जारी कर सकता है।

-जिन भूखंडों का कोर्ट में विवाद चल रहा है और जमीन का स्वामित्व संबंधी विवाद है। उनके पट्टे जारी नहीं किए जाएं और फैसला आने के बाद उनके पट्टे दिए जा सकते हैं।
खास-खास

-1983 में कॉलोनी सृजित हुई और 1983 में बसावट हो गई।

-2013 में जेडीए की ओर से पीटी सर्वे कराने का पत्र आया और कैम्प लगाने की बात कही।

-जनवरी, 2023 में पुन: पीटी सर्वे का पत्र भेजा और पीटी सर्वे हुआ। लेकिन, अब तक नियमन शिविर नहीं लग पाया।
दोनों ही कॉलोनी की जमीन का स्वामित्व संबंधी विवाद है। कुछ भूखंडों का मामला कोर्ट में विचाराधीन है। परीक्षण करवा रहे हैं। यदि कोई पट्टे जारी करने का रास्ता निकलता है तो शिविर लगाया जाएगा।
-बलवंत सिंह लिग्री, जोन उपायुक्त

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