राजधानी जयपुर से सटे गोनेर इलाके के सूख चुके प्राचीन जगन्नाथ सागर तालाब में पांच साल बाद पानी की आवक हुई है। इस बार मानसूनी बरसात से अब तक 4 फीट पानी आ चुका है। तालाब की एक पौड़ी पानी में डूब गई है, ऐसा करीब पांच साल बाद हुआ है। (सभी फोटो - देवेन्द्र सिंह)
जगन्नाथ सागर तालाब में जलझूलनी एकादशी पर हर साल भगवान जगदीश जी महाराज को नौका विहार कराने की परंपरा रही है। इस दौरान बड़ी संख्या में दूर—दराज से भक्त इस आयोजन के साक्षी बनने के लिए शामिल होते थे। मंदिर से लेकर तालाब तक ठाकुरजी की शोभायात्रा निकाली जाती थी, लेकिन पिछले कुछ सालों से जगन्नाथ सागर तालाब में पानी नहीं होने से परंपरा का निर्वाहन नहीं हो पा रहा था।
तालाब की नहरों पर अतिक्रमण होने के कारण बीते कुछ बरसों में पानी की आवक बेहद कम हो गई थी। इसके कारण धीरे—धीरे तालाब पूरी तरह से सूख गया। इस बार गर्मियों में तो जगन्नाथ सागर में एक बूंद पानी भी नहीं बचा था।
पत्रिका ने जगन्नाथ सागर सूखने के मुद्दे को प्रमुखता से उठाया जिसके बाद जेडीए हरकत में आया और कोडक्या की ढाणी की तरफ से तालाब तक आने वाली नहर के रास्ता का मलबा हटाया।
जेडीए ने तालाब में नहरों के मुहाने से भी मलबा हटाया है। इसके कारण तालाब में 4 फीट तक पानी आया है।
जगन्नाथ सागर में वर्षा जल की आवक होने से लोगों में खुशी की लहर है।