आरएसी के जवानों ने बंदी की तलाश ली तो उसने अपने गुप्तागों में कुछ छिपा रखा था। परीक्षण किया तो दो अलग-अलग कम्पनी की सिम मिली। आरएसी के जवानों ने इस मामले में माणकचौक थाने में तैनात एएसआइ जयराम से भी जानकारी ली है। थाने की बैरक से कोर्ट में पेशी तक एएसआइ जयराम बंदी दीपक के साथ था। इस मामले में पुलिस की मिलीभगत की बू आ रही है।
बड़ा सवाल यह है कि दीपक माणकचौक थाना पुलिस की कस्टडी में कई दिन रहा और फिर उसे कोर्ट ( court )में पेश किया गया। इस दौरान उसके पास मोबाइल सिम कहां से आई।
जांच अधिकारी हैडकांस्टेबल गोविंदसिंह ने बताया कि इस मामले में बंदी ( prisoner )से आज पूछताछ की जाएगी। वहीं बंदी के पास मिली सिमों की कॉल डिटेल निकलवा कर उनकी छानबीन की जाएगी। बंदी ने पॉलीथीन में लपेट कर सिमों को गुप्तांग पर धागे से बांध रखा था। बंदी ने अंडरवियर नहीं पहन रखी थी।
बड़ा सवाल यह है कि दीपक माणकचौक थाना पुलिस की कस्टडी में कई दिन रहा और फिर उसे कोर्ट ( court )में पेश किया गया। इस दौरान उसके पास मोबाइल सिम कहां से आई।
जांच अधिकारी हैडकांस्टेबल गोविंदसिंह ने बताया कि इस मामले में बंदी ( prisoner )से आज पूछताछ की जाएगी। वहीं बंदी के पास मिली सिमों की कॉल डिटेल निकलवा कर उनकी छानबीन की जाएगी। बंदी ने पॉलीथीन में लपेट कर सिमों को गुप्तांग पर धागे से बांध रखा था। बंदी ने अंडरवियर नहीं पहन रखी थी।