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अजमेर हाईसिक्योरिटी जेल के जेलकर्मी ही बंदियों को मोबाइल पहुंचाते थे, दो जेल प्रहरी सहित 11 गिरफ्तार

जेल में मोबाइल पहुंचाने वाले रैकेट में शामिल गिरफ्तार प्रियांशु, जेल प्रहरी विक्रम, जेल प्रहरी पवन व नरेश जांगिड़। आरोपी पैसों के लालच में बंदियों को मोबाइल सहित अन्य सुख सुविधा दे रहे थे। जयपुर पुलिस कमिश्नर बीजू जॉर्ज जोसफ के निर्देश पर डीसीपी वेस्ट अमित कुमार की टीम ने किया खुलासाडीसीपी अमित कुमार ने बताया के आपसी लेन देन के विवाद के चलते कई व्यापारी आपराधिक गैंग की मदद ले रहे हैं। शिप्रापथ थाना पुलिस ने गैंगस्टर्स की मदद लेने वाले व्यापारियों को गिरफ्तार किया था। हाल ही झोटवाड़ा के एक व्यापारी दिलीप सिंह ने अन्य व्यापारी से 37 लाख रुपए का विवाद होने पर हाई सिक्योरिटी जेल में बंद बदमाशों से संपर्क किया और उन्हें 37 लाख रुपए निकलवाने पर कुछ हिस्सा देने की बात कही। जेल में बंद गैंग ने व्यापारी को धमकी दी, तब इसका खुलासा हुआ और आरोपी दिलीप सिंह को गिरफ्तार किया गया।

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जयपुर. जयपुर कमिश्नरेट की डीसीपी पश्चिम पुलिस ने अजमेर की हाई सिक्योरिटी जेल में बंदियों को मोबाइल पहुंचाने के साथ अन्य सुख सुविधाएं उपलब्ध करवाने के रैकेट का पर्दाफाश कर दो जेल प्रहरियों सहित 11 लोगों को गिरफ्तार किया है। आरोपियों में मोबाइल पहुंचाने वाले, बंदी व अन्य लोग शामिल हैं।

पुलिस कमिश्नर बीजू जॉर्ज जोसफ ने बताया कि अजमेर हाई सिक्योरिटी जेल में बंद सुखदेव सिंह गोगामेड़ी हत्याकांड के आरोपियों द्वारा राजधानी के बिल्डर्स, व्यापारी और रसूखदारों से एक के बाद एक कर रंगदारी मांगने के कई मामले सामने आए। कुछ पीडि़तों ने पुलिस को रिपोर्ट दी तो आशंका है कि कुछ ने गोपनीय रूप से गैंग को पैसे भी दिए। जेल में गोगामेड़ी हत्याकांड के बंद आरोपियों को प्रॉडक्शन वारंट पर गिरफ्तार किया, लेकिन उनके पास लगातार मोबाइल पहुंचने की जानकारी सामने आई। इस पर डीसीपी वेस्ट अमित कुमार के नेतृत्व में एक टीम का गठन किया गया। ताकि जेल में मोबाइल पहुंचाने वाले रैकेट का खुलासा किया जा सके। डीसीपी अमित कुमार ने बताया कि चित्रकूट थाना पुलिस ने नीमराना के खुदरोठ निवासी विक्रम सिंह उर्फ कालू को पकड़ा। आरोपी के पास देशी कट्टा व दो मोबाइल मिले। पूछताछ में उसने बताया कि दोनों मोबाइल अजमेर की हाईसिक्योरिटी जेल में बंद गोगामेड़ी हत्याकांड के आरोपी सुमित यादव तक पहुंचाने जा रहा था। हथियार जितेन्द्र चौधरी ने दिए और जेल तक पहुंचने के लिए बाइक रामस्वरूप चौधरी देता। आरोपी रामस्वरूप एक हत्या के मामले में जयपुर जेल में बंद था और जयपुर जेल में ही उसकी मुलाकात सुमित यादव से हुई थी। आरोपी रामस्वरूप ने सुमित यादव की जेल में केन्टीन का सामान पहुंचाने वाले गंगाराम गुर्जर और उसके साथी नरेश व साहिल से मुलाकात करवा दी थी। नरेश ने सुमित यादव की हाई सिक्योरिटी जेल के प्रहरी पवन व विक्रम से मुलाकात करवा दी।

डीसीपी अमित कुमार ने बताया कि जेल प्रहरी पवन व विक्रम को पैसे देकर सुमित व उसकी गैंग के साथी शूटर रोहित राठौड़, नितिन फौजी व अन्य सदस्य जेल के अंदर मोबाइल व अन्य सुख सुविधा ले रहे थे। जबकि बाहर से वसूली जाने वाली रंगदारी गंगाराम गुर्जर जेल के अंदर केन्टीन के सामान के साथ पहुंचा देता था। हाल ही 16 मार्च को जेल प्रहरी विक्रम को मेड़ता सिटी जेल में तबादला हो गया था। डीसीपी अमित कुमार ने बताया कि जेल प्रहरी व गैंग के अन्य सदस्य हाई सिक्योरिटी जेल में सीसीटीवी कैमरे लगाने व मरम्मत करने वाले राकेश जांगिड़ को भी पैसों का लालच देकर शामिल कर लिया था।

आरोपी राकेश भी सीसीटीवी कैमरे मरम्मत करने के बहाने ड्रिल मशीन में मोबाइल छिपाकर सुमित यादव तक पहुंचा चुका। अभी भी बंदियों को जेल में सुख सुविधा पहुंचाने वाले जेल प्रहरियों और अन्य लोगों की जानकारी जुटाई जा रही है।

डीसीपी अमित कुमार ने बताया के आपसी लेन देन के विवाद के चलते कई व्यापारी आपराधिक गैंग की मदद ले रहे हैं। शिप्रापथ थाना पुलिस ने गैंगस्टर्स की मदद लेने वाले व्यापारियों को गिरफ्तार किया था। हाल ही झोटवाड़ा के एक व्यापारी दिलीप सिंह ने अन्य व्यापारी से 37 लाख रुपए का विवाद होने पर हाई सिक्योरिटी जेल में बंद बदमाशों से संपर्क किया और उन्हें 37 लाख रुपए निकलवाने पर कुछ हिस्सा देने की बात कही। जेल में बंद गैंग ने व्यापारी को धमकी दी, तब इसका खुलासा हुआ और आरोपी दिलीप सिंह को गिरफ्तार किया गया।


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