-वरुण पथ मानसरोवर में गणिनी आर्यिका विज्ञाश्री माताजी के सानिध्य में व्रतियों को सम्मानित किया गया। अंत में त्यागी-वर्तियों का पारणा करवाया गया। वहीं गोपालपुरा स्थित १०-बी मंदिर में भी कार्यक्रम आयोजित हुआ। आर्यिका विज्ञाश्री नेे कहा कि विश्व की सबसे कठिन व्रत प्रणाली जैन धर्म में है, जैनों की तपस्या सबसे कठिन मानी जाती है। क्योंकि उसमें कुछ भी खाना नहीं होता या कुछ तपस्याओं में यदि कुछ खाना होता है तो उसके भी नियम है।
आज मांगेगे क्षमा
मंगलवार को दिगम्बर सम्प्रदाय का क्षमापर्व पड़वा ढोक मनाएंगे। इस मौके पर २५० से अधिक मंदिरों में श्रीजी के कलशाभिषेक के बाद आरती का पुण्यार्जन होगा। इसके बाद पड़वा ढोक(क्षमावाणी) मनाया जाएगा। वर्ष भर जाने-अनजाने में हुई गलतियों के लिए रिश्तेदारों, परिचितों, परिजनों और मित्रों से क्षमा मांगेगे और खोपरा मिश्री खिलाएंगे। यह क्रम सात दिनों तक चलेगा। शाम को मंदिरों मे भगवान को पंडुकशिला में विराजमान करके पूजन आदि के साथ स्वर्ण कलशों से भगवान का पंचामृत अभिषेक किया जाएगा।
वहीं दुर्गापुरा स्थित मंदिर में मंगलवार को मेधावी छात्र-छात्राओं और व्रतियों का सम्मान किया जाएगा। समन्वयक भारत भूषण अजमेरा ने बताया कि कार्यक्रम के मुख्य अतिथि सूचना और जनसंपर्क विभाग के कमीश्नर रवि जैन सहित अन्य विशिष्टजन मौजूद होंगे।