कार्यक्रम में मंत्री शांति धारीवाल ने इस अवसर पर कहा कि बगराना आगार के निर्माण से जयपुर शहर की सार्वजनिक परिवहन सेवा में उत्तरोत्तर प्रगति होगी। इस बसों के संचालन से परकोटे में ट्रैफिक बाधित कम होगा।
मंत्री ने कहा कि जेसीटीएसएल के बेडे में सौ ईको-फ्रेंडली इलेक्ट्रिक बसें शीघ्र ही शमिल होने जा रही है। इन बसों के संचालन से जयपुर में प्रदूषण में कमी आएगी। जेसीटीएसएल में आगामी दिनों में प्रवास एप के माध्यम से यात्री अपनी यात्रा के अनुसार नजदीकी बस स्टॉप, बस की लोकेशन व यात्रा के अन्य विकल्पों का चयन कर पाएंगे। वहीं कैशलेस किराया संग्रहम व बसों की मॉनीटरिंग के लिए जीपीएस ट्रैकिंग व अन्य सुविधाएं प्रदान करने इंटेलिजेंट ट्रांसपोर्ट मैनेजमेंट सिस्टम (आईटीएमएस) लागू करने जा रहा है।
बगराना डिपो में यह खास
जयपुर सिटी ट्रान्सपोर्ट सर्विसेज लिमिटेड (जेसीटीएसएल) के बगराना आगार में बेसमेंट में 33 व ग्राउण्ड फ्लोर पर 85 (कुल 118) बसों को पार्क किए जाने की सुविधा है। इस आगार से स्मार्ट सिटी से 25 करोड़ की सहायता राशि से 100 मिडी (30 एसी $ 70 नॉन एसी) बीएस-6 डीजल बसों का संचालन किया जाएगा। इन बसों का संचालन सकल लागत अनुबंध मॉडल पर किया जाएगा। बगराना आगार जयपुर सिटी ट्रान्सपोर्ट सर्विसेज लिमिटेड (जेसीटीएसएल) का स्वयं का सबसे बड़ा आगार है। बगराना आगार में बसों के रिपेयरिंग की 08 पिट व सीसीटीवी युक्त मुख्य प्रबन्धक ऑफिस है। आगार में महिला कन्डक्टर व पुरुष ड्राइवर-कन्डक्टर के लिये पृथक-पृथक विश्राम कक्ष के साथ कैन्टीन व प्राथमिक उपचार की भी व्यवस्था की गई हैै। उन्होंने कहा कि वर्ष 2008 में जयपुर की सार्वजनिक परिवहन सेवा को और अधिक बेहतर बनाने के लिए जयपुर सिटी ट्रान्सपोर्ट सर्विसेज लिमिटेड (जेसीटीएसएल) का गठन किया गया था। कोविड-19 लॉकडाउन के बाद 20 रुटों पर टोडी व विद्याधर नगर आगार से लगभग 200 बसों का संचालन किया जा रहा है। जिनमें प्रतिदिन औसतन एक लाख यात्री यात्रा कर रहे हैं। जिससे जेसीटीएसएल को प्रतिदिन लगभग 20 लाख की आय अर्जित हो रही है।