पुलिस लाइन का निरीक्षक बन पहुंचा परचूनी की दुकान डीसीपी तोमर ने बताया कि 16 अक्टूबर को कमानी रोड स्थित परचूनी की दुकान करने वाले व्यापारी मनीष रावत ने फर्जी पुलिसकर्मी के संबंध में रिपोर्ट दर्ज करवाई। पीडि़त ने रिपोर्ट में बताया कि 14 अक्टूबर को पुलिस वर्दी में एक व्यक्ति दुकान पर आया और खुद को राजस्थान पुलिस का निरीक्षक बताया। उसकी नेम प्लेट पर राहुल शेखावत लिखा था। उसने खुद को चांदपोल पुलिस लाइन का इंचार्ज भी बताया और कहा कि पुलिस लाइन, राजभवन व एक अन्य स्थान पर राशन साम्रगी भिजवानी है। पीडि़त की दुकान से प्रत्येक 15 दिन में 25 क्विंटल आटा और अन्य सामान लिया जाएगा। इस संबंध में तीन लैटर हैड और सामान की सूची भी दी। स्टाम्प पर एग्रीमेंट करने का आश्वासन दिया और एक दिन वर्दी पहनकर दुकान पर आया।
शक हुआ तो परिचित पुलिसकर्मी को दी जानकारी आरोपी ने दुकानदार को सामान का ऑर्डर दिया और पहुंचाने की बात कहकर चला गया। दुकान मालिक को शक हुआ तो उसने परिचित पुलिसकर्मी को इस संबंध में बताया। तस्दीक की गई तो उक्त पुलिसकर्मी के जालसाज होने का पता चला। सीसीटीवी कैमरों की फुटेज से आरोपी की पहचान की गई। दुकान के आस-पास सादावर्दी में पुलिसकर्मी तैनात किए गए। आरोपी दुकान पर पहुंचा, तभी उसे पकड़ लिया।
एसीबी अफसर बनकर धमाया पुलिसकर्मियों ने जैसे ही आरोपी को पकड़ा, तब उसने खुद को एसीबी का अफसर बताते हुए पुलिसकर्मियों को धमकाया। आरोपी की तलाशी ली तो उसके पास राजस्थान पुलिस निरीक्षक, एसीबी निरीक्षक व आबकारी निरीक्षक के तीन पहचान पत्र मिले।
इन अधिकारियों की मिली मोहर आरोपी के पास 14 पुलिस अधिकारी व प्रशासनिक अधिकारी (सचिव राजभवन, एनआईए जयपुर राजस्थान, अतिरिक्त महानिदेशक भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो जयपुर व जोधपुर, आयुक्त राजस्थान आबकारी विभाग उदयपुर, उपायुक्त आबकारी, पुलिस अधीक्षक बाड़मेर, आयुक्त राजस्थान पुलिस जयपुर व जिला पुलिस अधीक्षक जयपुर शहर ) की (सील) मोहर मिली है।