– लियाकत खोनागोरियान गांव में करीब पन्द्रह वर्ष पहले एक मकान में किराए से रहता था। पांच छह वर्ष यहां रहने के बाद दूसरी जगह चला गया। उक्त मकान में रहने वालों से पूछताछ की तो पता चला कि लियाकत बेलदारी करता था, तब यहां रहता था। लेकिन उसने कभी अपने परिजनों की जानकारी नहीं बताई
– लियाकत को अस्पताल पहुंचाने वाले बेलदारी का काम करने वाले हनुमान से पूछताछ की। उसने बताया कि कारीगर का काम करने वाले लियाकत के पास दो माह से मिस्त्री का काम करता था। इतना ही पता है कि वह कानोता क्षेत्र में रहता है। लेकिन कहां रहता था, इसकी जानकारी नहीं
– पुलिस कन्ट्रोल रूम के जरिए हुलिया और फोटो के जरिए भी जयपुर जिले और बाहरी थानों में भी उसकी पहचान करवाई जा रही है