फिशिंग : लिंक्स भेजकर ठगी साइबर जालसाज किसी व्यक्ति के नाम से वेबसाइट (बैंक की वेबसाइट या ई-कॉमर्स वेबसाइट और अन्य सर्चिंग इंजन) बनाते हैं, जो हू-ब-हू असली जैसी लगती है। साइबर जालसाज इन लिंक्स को एसएमएस, सोशल मीडिया, ई-मेल और अन्य मैसेंजर द्वारा लोगों को भेजते हैं। पीडि़त लोग इन लिंक्स को बिना तस्दीक के असली मानकर क्लिक कर देते हैं।
यूं बचें ठगी से 1- वेबसाइट या इंटरनेट पर यूआरएल में पूरा नाम डालना चाहिए।
2- कोई भी बैंक या संस्थान कस्टमर्स से एप डाउनलोड नहीं करवाते हैं।
3- किसी भी बैंक या संस्थान का कस्टमर केयर नंबर टोल फ्री 1800 या 1860 सीरीज का होता है।
4- किसी भी अनजान वेबसाइट और लिंक पर क्लिक नहीं करें, इस तरह के मैसेज आने पर तुरंत हटा दें
5- विशेष तौर पर वित्तिया जानकारी किसी को नहीं बताएं
2- कोई भी बैंक या संस्थान कस्टमर्स से एप डाउनलोड नहीं करवाते हैं।
3- किसी भी बैंक या संस्थान का कस्टमर केयर नंबर टोल फ्री 1800 या 1860 सीरीज का होता है।
4- किसी भी अनजान वेबसाइट और लिंक पर क्लिक नहीं करें, इस तरह के मैसेज आने पर तुरंत हटा दें
5- विशेष तौर पर वित्तिया जानकारी किसी को नहीं बताएं
जयपुर में साइबर अपराध की स्थिति अक्टूबर, 2021 तक
दक्षिण 78
पूर्व 63
उत्तर 40
पश्चिम 35
राजस्थान में साइबर अपराध 2017 1304
2018 1104
2019 1762
2020 2265