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नगर निगम : भ्रष्टाचार में उच्च स्तर के अधिकारियों की भूमिका संदिग्ध

locationजयपुरPublished: Jan 12, 2022 03:28:59 pm

Submitted by:

Mukesh Sharma

एसीबी ने दर्ज एफआइआर में कहा, नगर निगम में व्यापक भ्रष्टाचार का नेटवर्क चल रहा

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जयपुर. भ्रष्टाचार को लेकर एक बार सुर्खियो में आए नगर निगम अधिकारियों की मुश्किल बढ़ती जा रही है। एसीबी ने ग्रेटर नगर निगम से संबंधित दर्ज की एफआइआर में कई संगीन आरोप लगाए हैं। एफआइआर में बताया है कि नगर निगम में दलालों के जरिए टैंडर प्रदान किए जाने, कार्य के निरीक्षण, माप और बिल अग्रेसित एवं भुगतान समय पर करवाने की एवज में ठेकेदारों से साप्ताहिक या फिर मासिक बंधी एक मुश्त ली जा रही है। दलालों द्वारा कई बार नगर निगम अधिकारियों व कर्मचारियों को रिश्वत की राशि दिए जाने के संबंध में तथ्य सामने आ चुके हैं। नगर निगम में व्याप्त व्यापक भ्रष्टाचार के नेटवर्क में उच्च स्तर के अधिकारियों एवं अन्य अधिकारियों और कर्मचारियों की संलिप्तता संदिग्ध नजर आती है। भुगतान प्रक्रिया में उच्च स्तर के अधिकारी भी सम्मिलित होते हैं। गौरतलब है कि एसीबी के एएसपी बजरंग सिंह शेखावत ने नगर निगम के वित्तिय सलाहकार अचलेश्वर मीना, ठेकेदार अनिल अग्रवाल और धनकुमार जैन को गिरफ्तार किया था। जबकि एफआइआर में इन तीनों के अलावा नगर निगम के सहायक लेखाधिकारी येतेन्द्र सांखला, लिपिक श्रीकांत पारीक, ठेकेदार गोविंद, गंगाराम मीणा, अभिषेक जैन उर्फ टीटू को नामजद किया और नगर निगम ग्रेटर के अन्य अधिकारी व कर्मचारियों के खिलाफ जांच लंबित बताई।
ठेकेदार ले एफए वित्तिय सलाहकार को बोला …घर पर प्रसाद (रिश्वत राशि) रखा है…आ जाओ…ले जाना


जयपुर. एसीबी ने नगर निगम में ठेकेदारों ने उनके कार्यों के बिलों के भुगतान के बदले 2 से 3 प्रतिशत घूस मामले में एफआइआर दर्ज की है। एफआइआर में 8 लोगों को नामजद किया और अन्य अधिकारी, कर्मचारी और ठेकेदारों के नाम लंबित रखे हैं। एसीबी ने अधिकारी व ठेकेदारों के बीच आपस में घूस की रकम हो लेकर हुई बातचीत में करोड़ों रुपए के लेन-देन और रिश्वत की राशि के संबंध में बातचीत भी रिकॉर्ड की है।
वित्तिय सलाहकार अचलेश्वर मीणा और ठेकेदार अनिल अग्रवाल के बीच बातचीत

अचलेश्वर : कल श्रीकांत मिला था क्या

ठेकेदार : सर दे दी…वो हमें आगे की…

अचलेश्वर : चाय का टाईम कब मिलेगा आपको
ठेकेदार : सर आ जाओ मैं तो घर पर ही हूं
अचलेश्वर : ठीक है

ठेकेदार : आधा घंटे पहले रिंग करके आ जाना… प्रसाद (रिश्वत राशि) भी रखा है…आपका वो ले जाना

अचलेश्वर : ठीक है…ठीक है…(इसके बाद अचलेश्वर ठेकेदार के घर पहुंच गए)
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नगर निगम के एएओ श्रीकांत पारीक और ठेकेदार अनिल की बातचीत


ठेकेदार : हैलो…नमस्कार सर…अभी ऑफिस ही हो क्या

श्रीकांत : नहीं ऑफिस से निकल गया

ठेकेदार : यार मुझे जो लिस्ट दी है न, तारीख वाली दिया करो
श्रीकांत : डेट भी

ठेकेदार : हां दो चार जने नेतागिरी कर रहे हैं

श्रीकांत : अच्छा…अच्छा

ठेकेदार : क्या उसकी डेट से पता लग जाए तो अपन दो चार दिन उपर नीचे कर ले
श्रीकांत : यार अच्छा समझ गया

ठेकेदार : क्या आप मान लो जो नेतागिरी कर रहे हो 16-17 में है तो अपन खाली 15 तारीख कर ले तो…(अभद्र भाषा) सबक मिल जाए

श्रीकांत : मैं एक दिन आपके साथ बैठना चाहता हूं
ठेेकेदार : चाय पीएंगे…एक बात का ध्यान रखना मैं कहूं, तभी करवाना…एफए साहब से मैं बात कर लूंगा…मैं आपका सारा सेटअप बैठा दूंगा

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बड़ी लूट मचा रखी है, वहां कोई भी कागज बिना सिस्टम के नहीं निकलता
नगर निगम में ठेकेदार अनलि और गोविंद की आपस में बातचीत

अनिल : हैलो…गोविंद…कोई नई बताओ

गोविंद : यार तेरे पास तो बहुत काम है, फ्री कैसे बैठा है

अनिल : दादा आजकल अपन टेंशन नहीं लेते, होगा वो जो गोविंद चाहेगा
गोविंद : एक बात ग्रेटर में जो बिल किसी से पास करवाता है सीओ से, सीओ के बिल किससे करवाता है

अनिल : तेरा क्या काम है

गोविंद : एक एसडी पड़ी है, बहुत टाईम हो गया, पहले वो कर नहीं रहा था, अब कर रहा है तो पहले बोला दो टका, अब कल बोला तीन टका…बड़ी लूट मचा रखी है
अनिल : मैं करवा लूंगा…तू मस्त रह

गोविंद : किससे करवाएगा

अनिल : भैया तुझे बता दूंगा, वहां कोई भी कागज बिना सिस्टम के नहीं निकलता..

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