जहां एसीबी ने अपनी कार्रवाई में दो अधिकारियों को 10 लाख 60 हजार की डमी नोट भेज दिए। जिन्हें बेइमान अधिकारियों ने असली समझ कर अपने पास रख लिया। एसीबी ने दोनों अधिकारियों को गिरफ्तार कर लिया है।
एसीबी ने सवाई मानसिंह अस्पताल और आरएमआरएस (राजस्थान मेडिकेयर रिलीफ सोसायटी) में भ्रष्टाचार का भंडाफोड़ किया है। अस्पताल में पीपीपी मॉडल पर लगाई रेडिएशन थैरेपी मशीन के पांच करोड़ के भुगतान के बदले 3 प्रतिशत रिश्वत वसूली जा रही थी।
एसीबी ने 1.5 प्रतिशत के रूप में 7.80 लाख रुपए लेते एसएमएस अस्पताल के वित्तीय सलाहकार (एफए) बृज भूषण शर्मा को रंगे हाथों गिरफ्तार किया। इसके बाद आरएमआरएस के कैशियर अजय शर्मा को तीन अधिकारियों के हिस्से का 1.5 प्रतिशत के रूप में 7.80 लाख रुपए लेते गिरफ्तार किया। इसके बाद रिश्वत में हिस्सेदार आरएमआरएस के सहायक लेखाधिकारी प्रकाश शर्मा को गिरफ्तार किया। जबकि तीसरा आरोपी एसएमएस में आरएमआरएस प्रभारी एनेस्थीसिया मेडिकल ऑफिसर डॉ. अधोकक्षाज फरार हो गया। सभी आरोपियों के ठिकानों की तलाशी ली, इसमें अजय शर्मा के घर पर पचास लाख रुपए नकद मिले हैं।
रिश्वत की भूख ऐसी…डमी करेंसी भी ले ली
अधिकारियों की डिमांड सुनकर परिवादी ने एसीबी से कहा कि वह इतनी रकम की व्यवस्था नहीं कर सकता। इसके बाद एसीबी ने डमी करेंसी से ट्रैप कार्रवाई करने का निर्णय लिया। इसमें एफए को रिश्वत में 7.80 लाख में 5.30 लाख रुपए डमी करेेसी दी गई। इसी तरह अजय शर्मा को भी 7.80 लाख में से 5.30 लाख रुपए डमी करेंसी दी गई। रिश्वतखोरों में रिश्वत राशि को लेकर ऐसी भूख थी कि वे डमी करेंसी कोभी नहीं पहचान सके और आंख बंद कर स्वीकार कर ली।
पर्चियों पर लिखी हिस्सा राशि
एसीबी डीजी बी.एल.सोनी ने बताया कि यह कार्रवाई अस्पताल में पीपीपी मॉडल पर रेडिएशन थैरेपी की मशीन लगाने वाले की शिकायत पर की गई है। इनका करीब पांच करोड़ रुपए का भुगतान बाकी था। रिश्वत बिना भुगतान से इनकार कर दिया तो पीडि़त एसीबी पहुंचा। आरोपी लगातार उसे हिस्सा राशि के अनुसार पर्चियों पर अमाउंट लिखते जा रहे थे।