चार साल का बेटा पूछता रहा पापा कब आएंगे ( Jaipur road accident )
मंगलवार शाम कनौडिया कॉलेज (कॉलेज में विवेक की लैब बताई गई है) से जामडोली स्थित मणिरत्ननगर स्थित घर बाइक पर जा रहे थे। तभी कार चालक वीरेन्द्र ने उनकी जिंदगी छीन ली। घर पर पिता पुनीत का इंतजार कर रहा चार वर्षीय गौरांश बार-बार पूछ रहा था कि पापा कब आएंगे। गौरांश के अलावा घर पर मृतकों की मां अनिता और विवेक उर्फ सुमित की पत्नी ही थीं। उन्हें देर रात को इतना ही बताया गया कि दोनों भाइयों का एक्सिडेंट हो गया है। अस्पताल में इलाज चल रहा है।
आस-पास और कुछ रिश्तेदार महिलाएं उन्हें ढाढस बंधा रही थी। कॉलोनी में अन्य लोग करीब सौ मीटर दूर ही खड़े थे। रात हो जाने पर शव पोस्टमार्टम के बाद घर नहीं ले जाए गए। दोनों के शव बुधवार सुबह घर ले जाए जाएंगे। धौलपुर से पुनीत की पत्नी पिंकी को भी जरूरी काम होने की कहकर जयपुर बुलाया गया। मुर्दाघर पर पिता राजकुमार का रो-रोककर बुरा हाल था।
जेडीए चौराहा राजस्थान विश्वविद्यालय ( rajasthan university ) से त्रिमूर्ति की तरफ जाने वाली ट्रैफिक बत्ती लाल हो गई थी। वाहन चालक वहां रुक गए। हादसे का शिकार पुनीत और विवेक भी लालबत्ती में रुक गए थे। तभी पीछे से रफ्तार में कार लेकर आए वीरेन्द्र ने टक्कर मार दी। चौराहे पर चीख-पुकार मच गई। लोग उछलकर इधर-उधर जा गिरे। एक स्कूटी सवार युवती भी दूर जा गिरी। सीसीटीवी कैमरे की फुटेज में यह दृश्य कैद हो गया। लेकिन इसके बाद फुटेज में जो नजर आया, उसे देखकर यही लगता है कि भागदौड़ भरी जिंदगी में मानवता कहीं खो रही है। सडक़ पर लहूलुहान पड़े लोगों को देखते हुए चालक उनके नजदीक और बीच में वाहन निकालकर आगे बढ़ते जा रहे थे। इन वाहन चालकों के पास मानो इतना समय भी नहीं था कि सडक़ पर पड़े लोगों को अस्पताल पहुंचाने की व्यवस्था करते।