जयपुर इंटरनेशनल एयरपोर्ट: पार्सल संस्थाओं के बीच सुरक्षा जांच पर खींचतान
सुरक्षा कारणों से एयरलाइन नहीं उठा रही निर्यातकों के पार्सल
निर्यातकों को उठाना पड़ रहा है नुकसान

जयपुर। जयपुर इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर निजीकरण से पहले नया विवाद खड़ा हो गया है। दरअसल, एयरपोर्ट पर लंबे समय से पार्सल का जिम्मा संभालने वाली तीन संस्थाओं के बीच लड़ाई का नुकसान निर्यातकों को उठाना पड़ रहा है। इस वजह से जयपुर सहित अन्य जगहों के निर्यातक हवाईजहाज से आने वाले माल को यहां से नहीं ले जा पा रहे हैं और ना ही माल को दूसरी जगहों से यहां पहुंचा रहे हैं। सुरक्षा हवालों के चलते एयरपोर्ट प्रबंधन और पार्सल का जिम्मा संभालने वाली संस्था कई शर्तों को पूरा नहीं कर पा रही हैं। संस्थाओं के प्रतिनिधियों का कहना है कि यह नियम सभी संस्थाओं पर लागू हो।
यह है पूरा विवाद
सूत्रों के मुताबिक वर्तमान समय में जयपुर एयरपोर्ट ऑथिरिटी ने एयरकार्गों कस्टोडियन, राजसीको से जांच संबंधी शर्तों को पूरा करने की बात कही है। इसमें दोनों संस्थाओं ने देरी की है। ब्यूरो ऑफ सिविल एविएशन सिक्योरिटी से क्लीयरेंस के अभाव में एयरलाइंस पार्सल नहीं उठा रही है। एयरपोर्ट प्रबंधन का कहना है कि समय-समय पर जांच अनिवार्य होती है, इसे सबको पूरा करना होता है। इससे जयपुर के बड़े उद्योगों के प्रतिनिधि मंडल ने एयरपोर्ट प्रबंधन से जल्द विवाद निपटाने की गुहार की है, ताकि आगामी सीजन में व्यापार प्रभावित न हो।
जल्द हो समस्या का समाधान
सीतापुरा जैम्स एंड ज्वैलरी एसोसिएशन के अध्यक्ष गौरव जैन ने बताया निर्यात पार्सल बीते सात दिन से अटकने के कारण करोड़ों रुपए का व्यापार अटक गया है, जो भी अंदरूनी लड़ाई है, उसका समाधान जल्द हो, ताकि किसी भी व्यापारी को परेशानी न हो। राज्य का ज्वैलरी कारोबार पहले ही पूरी तरह से प्रभावित हो चुका है। देश में विभिन्न जगहों समेत विदेशों में जयपुर से रोजाना करोड़ों रुपए का माल भेजा जाता है। जयपुर के अलावा अन्य शहरों से निर्यात पार्सल भेजने से जोखिम की संभावना बनी रहती है।
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