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बाड़मेर पांडाल हादसे की तरह राजधानी जयपुर में भी हुए इन दो हादसों ने कंपा दी थी लोगों की रूह

locationजयपुरPublished: Jun 25, 2019 04:24:38 pm

Submitted by:

Nidhi Mishra

बाड़मेर पांडाल हादसे ( Barmer Pandal Collapse ) की तरह राजधानी जयपुर में भी हुए हैं हादसे

Jaipur also faced 2 incidents like Barmer Pandal Collapse

बाड़मेर पांडाल हादसे की तरह राजधानी जयपुर में भी हुए इन दो हादसों ने कंपा दी थी लोगों की रूह

जयपुर। राजधानी जयपुर में भी आए दिन बड़ी संख्या में कार्यक्रम होते हैं। बाड़मेर पांडाल हादसे ( Barmer pandal collapse mishap ) की तरह ही जयपुर में भी ऐसे दो बड़े हादसे हुए थे, जिनकी वजह से लोगों की रूह कांप गई थी।
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पहले भी हो चुके हैं हादसे
जून 2006 में आदर्श नगर स्थित सूरज मैदान में साध्वी ऋतम्भरा ( sadhvi ritambhara ) की श्रीमद्भागवत कथा समाप्त होने के बाद आई तेज बारिश और आंधी के कारण पंडाल गिरने से दो श्रद्धालुओं की मौत होने के साथ ही 19 लोग घायल हो गए थे। अक्टूबर 2010 में गढग़णेश में लोहे की रेलिंग में अचानक करंट दौडऩे से बड़ा हादसा होने से टल गया था। यहां संकरा रास्ता होने पर भीड़ होने के बावजूद लोगों को नहीं रोका गया था।
नहीं होती नियमित मॉनिटरिंग
इन कार्यक्रमों में आयोजक श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए कोई इंतजाम नहीं किए जाते। कई जगहों पर अनुमति के बाद प्रशासन-पुलिस की तरफ से नियमित मॉनिटरिंग तक नहीं की जाती। नगर निगम के मुख्य अग्निशमन अधिकारी जगदीश फुलवारिया का कहना है कि बड़ी जगहों पर जगह की, फायर एनओसी से लेकर हर एक व्यवस्था का ध्यान रखने के बाद अनुमति दी जाती है। छोटी जगहों पर निगरानी रखना संभव नहीं होता।

इन दिनों आयोजक डोम बनाने की बजाय टैंट लगाने के साथ खानापूर्ति कर लेते हैं। क्योंकि इनका किराया कम होता है। टैंट डीलर्स एसोसिएशन के प्रदेशाध्यक्ष रवि जिंदल ने बताया कि कुछ साल पहले जहां आयोजनों में बांस बल्ली के जरिए टैंट लगाए जाते थे, इससे दुर्घटना होने की आशंका बिल्कुल नहीं होती थी। आजकल फैंसी काम के चलते सभी जगह पर लोहे का फ्रेम लगाकर यह काम किया जा रहा है। भारी होने की वजह से ढह जाता है और पोल में करंट आने से हादसे का अंदेशा बना रहता है।
Jaipur also faced 2 incidents like Barmer Pandal Collapse
डिजास्टर मैनेजमेंट में शहरी क्षेत्र में 5000 से ज्यादा और ग्रामीण क्षेत्र में 2000 से ज्यादा लोगों की स्ट्रक्चरल मजबूती हो, इसके लिए निर्देश जारी किए जा रहे हैं। डिजास्टर को कवर करने के लिए न्यूनतम आवश्यकताएं आवश्यक रूप से वहां हो, इसके लिए रेग्युलेटरी जारी की जाएगी।
-जगरूप सिंह यादव, जिला कलक्टर, जयपुर

बाड़मेर के हादसे के बाद प्रदेश में समिति की ओर से कहा गया है कि आयोजन की जगह, प्रशासनिक अनुमति के बाद ही काम पूरा किया जाए। इसके साथ ही आंधी, बारिश के मौसम में लोगों को सलाह देकर ही काम किया जाता है।
-रवि जिंदल, प्रदेशाध्यक्ष, राजस्थान टैंट डीलर्स समिति
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ऐसे हादसों को रोकने के लिए उठाएंगे कदम: गहलोत

उधर, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ( Rajasthan CM Ashok Gehlot ) सोमवार को जोधपुर के एमडीएम अस्पताल गए और बाड़मेर के जसोल में हुए हादसे में घायलों की कुशलक्षेम पूछी। मुख्यमंत्री ने यहां अनौपचारिक बातचीत में कहा कि घटना की जांच के आदेश दिए हैं। रिपोर्ट आने के बाद ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के कदम उठाए जाएंगे। हादसा बहुत बड़ा है। पुलिसकर्मी व अन्य लोगों ने तुरंत तार डिस्कनेक्ट कर दिए वरना हादसा और बड़ा हो सकता था। मुख्यमंत्री ने ये भी कहा कि जो कथाएं चलती हैं, उन्हें बाकायदा अनुमति लेनी चाहिए। पांडाल का कार्य भी कथा कराने वाले देख रहे हैं। कथा आयोजकों को चाहिए कि वे पांडाल भी पूरा सिक्योर लगाएं।
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