उद्घाटन के बाद सफारी लोगों के लिए शुरू हो जाएगी। इसकी ऑनलाइन बुकिंग शुरू हो गई है। इस सफारी के शुरू होने के बाद जयपुर पहला शहर होगा जहां दो लेपर्ड सफारी संचालित होगी। इससे पहले यहां हाथी सफारी भी चल रही है। जल्द टाइगर सफारी भी शुरू हो जाएगी।
बता दें कि आमागढ़ लेपर्ड रिजर्व में 20 से ज्यादा पैंथर प्रवास करते हैं। यहां आए दिन शावक भी देखे जा रहे हैं। राजधानी के जंगल में 70 से ज्यादा पैंथर हैं। जंगल को आकर्षण बनाने के लिए पगमार्क के आकार की तलाई बनाईं गई हैं। यहां वन्यजीवों की प्यास बुझाने के लिए तीन पानी की तलाइया भी बनाई गई है। जिसमेे एक तलाई को बघेरे के पगमार्क का आकार भी दिया गया है। खास बात है कि सौर ऊर्जा के पैनल लगाए गए है। जिससे तलाइयों में पानी की आपूर्ति के लिए मोटर संचालित होगी।
यह भी देख सकेंगे
सफारी के दौरान सैलानी न केवल पैंथर व अन्य वन्य जीव प्रजातियां देख सकेंगे। बल्कि रघुनाथगढ़ किला, जयगढ़, नाहरगढ़ किले के साथ ही हवामहल, मानसागर की पाल भी निहार सकेंगे। इनके अलावा अरावली की पहाडिय़ां, सनराइज और सनसेट पॉइन्ट भी देख सकेंगे।
यों होगी सफारी
—यहां दो पारियों की सफारी करवाई जाएगी।
—सुबह 5.30 बजे से सुबह 8 बजे तक और शाम को शाम को 4.45 बजे से शाम 7.15 बजे तक का समय निर्धारित किया है।
—गलता के विपश्यना केंद्र के समीप बने द्वार से गाड़ियों का प्रवेश और निकास होगा।
—16.36 वर्ग किलोमीटर के जंगल में विकसित इस सफारी के लिए तीन रूट बनाए गए है। इसमें दो बड़े और एक छोटा रूट बनाया गया है।
—यहां दो पारियों की सफारी करवाई जाएगी।
—सुबह 5.30 बजे से सुबह 8 बजे तक और शाम को शाम को 4.45 बजे से शाम 7.15 बजे तक का समय निर्धारित किया है।
—गलता के विपश्यना केंद्र के समीप बने द्वार से गाड़ियों का प्रवेश और निकास होगा।
—16.36 वर्ग किलोमीटर के जंगल में विकसित इस सफारी के लिए तीन रूट बनाए गए है। इसमें दो बड़े और एक छोटा रूट बनाया गया है।