कला ग्राम और जयपुर आर्ट समिट के फाउन्डर शैलेन्द्र भट्ट ने बताया कि दुनिया के इस पहले कला ग्राम का नाम त्रिधा कला ग्राम रखा गया है। यह कला ग्राम दापोली में पर्वतों की तलहटी से शुरू होकर कोडज़ई नदी के तट तक फैली आम, काज, सुपारी और नारियल के वृक्षों से भरी 100 एकड़ जमीन को 25-25 एकड़ के चार चरणों में विकसित किया जाएगा। कला ग्राम के लिए वहां के प्रमुख समाज सेवी राहुल हब्बू द्वारा अपनी व्यक्तिगत भूमि मुहैया करवाई है। खास बात ये है कि इस कला ग्राम की अनुमानित लागत 100 करोड़ है जिसके लिए अभी तक राज्य या केंद्र से किसी भी प्रकार की वित्तीय सहायता की मांग नहीं की गई है। इस कला ग्राम में कला, साहित्य, संगीतए संस्कृति और संस्कृत की प्राचीन परम्पराओं के विकास की योजनाएं चलाई जाएंगी और यह कला ग्राम सांस्कृतिक आदान.प्रदान के लिए विश्व के समस्त कलाकारों के लिए खुला रहेगा।
त्रिधा कला ग्राम में प्रसिद्ध शिल्पकार स्वर्गीय सरोज जैन की स्मृति में मुक्ताकाशीय सरोज जैन स्कल्पचर कोर्ट का भी निर्माण किया जाएगा जिसमें शिलान्यास के समय दापोली स्कल्पचर कैंप में शिल्पकार हंसराज चित्रभूमि, योगेश प्रजापति और किरण चोपड़ा के द्वारा बनाया गया मूर्तिशिल्प स्थापित किया जाएगा।