सम्मेलन में देशभर से आए प्रमुख ज्योतिषियों ने देश के मौजूदा हालात पर भी मंथन किया और अपनी राय रखी। ज्योतिषियों ने कहा कि देश में बिगड़ रहे हालात, हिंसा और राजनैतिक अस्थिरता तथा गिर रही इकोनॉमी के पीछे ग्रहों की प्रतिकूल स्थिति बड़ा कारण बन रहा है। देश का लग्न वृष है और गोचर के मुताबिक अष्टम घर में शनि और सूर्य एक साथ हैं और ये दोनों ग्रह आपस में शत्रु हैं, जिसका प्रभाव देश पर साफ दिखाई दे रहा है।
सम्मेलन के ज्योतिष विद्वानों ने ज्योतिषि के विभिन्न पहलुओं और गणनाओं पर दो दिन मंथन किया। पंजाब के हरदीप सिढाना ने बताया कि देश की कुंडली का आठवां घर दुख, रोग, मृत्यु, अपमान और अंतर्कलह का कारण होता है और इस घर में 6 ग्रह भ्रमण कर रहे हैं, जिसके कारण लड़ाई, पैसे का नुकसान, प्राकृतिक आपदाएं हो रही हैं। कुछ गोचरीय स्थिति के कारण सिर्फ महसूस हो रहा है कि देश के मान, आर्थिक स्थिति को नुकसान हो रहा है। जयपुर की शालिनी सालेचा ने बताया कि आगामी 24 जनवरी से शनि के मकर राशि में आने के बाद स्थिति ठीक होनी शुरू होगी। वहीं 13 सितंबर से गुरू मार्गी होंगे तो देश की जीडीपी में भी बढ़ोत्तरी होना शुरू होगी।
दिल्ली के ज्योतिषि प्रदीप मल्होत्रा ने बताया कि देश की कुंडली के आठवां घर धनु राशि का है जिसका स्वामी बृहस्पति है और वह गोचर में अपनी ही राशि में बैठा है। इस घर में दूसरे ग्रहों के होने के कारण देश के हालात बिगड़ रहे हैं लेकिन इसी घर में स्वामी बृहस्पति के रहने के कारण वे ठीक हो जाते हैं। वर्तमान में एनआरसी के कारण जगह-जगह बनती-बिगड़ रही स्थिति का कारण आठवें घर में दूसरे ग्रह और स्वामी ग्रह का प्रभाव ही है। बृहस्पति का स्वराशि होने के कारण समझाइश से लोगों को वास्तविकता समझ में आएगी और शांतिप्रिय माहौल बनेगा।