पं. डॉ.रवि शर्मा के मुताबिक शुक्रवार को सूर्योदय सुबह 5.37 बजे और सूर्यास्त 07.19 बजे होगा। वहीं, रात की कुल अवधि 10 घंटे 19 मिनट की रहेगी ( smallest night )। इसके अलावा 22 जून की रात 11.22 बजे मंगल ग्रह का कर्क राशि में प्रवेश होगा, जिससे वर्षा का विशेष योग बनेगा।
वर्षा ऋतु की होगी शुरुआत ज्योतिषाचार्य पं.पुरुषोत्तम गौड़ के मुताबिक धार्मिक दृष्टि से सूर्य के दक्षिणायन होने का काल देवताओं की रात्रि का समय है। सूर्य के कर्क रेखा से भ्रमण करने के चलते इसे दक्षिणायन होना कहा जाता है। इसके अलावा 21 जून को परिभ्रमण पथ के दौरान सूर्य कर्क रेखा ( Tropic of Cancer ) पर लंबवत हो जाएगा। साथ ही पृथ्वी का अक्षीय झुकाव सूर्य की ओर अधिकतम होने पर इस दिन की अवधि बढ़ जाती है। इस चलते भारत सहित उत्तरी गोलाद्र्ध में स्थित सभी देशों में सबसे बड़ा दिन तथा रात सबसे छोटी होगी। इसके अलावा सूर्यदेव 22 दिसंबर तक दक्षिणायन रहेंगे। इस दौरान दिन धीरे-धीरे छोटे होंगे व रातें लंबी होने लगेंगी। वहीं, 22 दिसंबर को ही सबसे छोटा दिन और सबसे बड़ी रात होगी।
परछाई भी जब आपका साथ छोड़े देगी पंचांग में संक्रांति के तौर पर दर्ज इस दिन पृथ्वी का अक्षीय झुकाव सूर्य की ओर अधिकतम होने पर दिन की अवधि बढ़ जाती है। कर्क संक्रांति के समय पर सूरज की ओर पृथ्वी अपनी धुरी पर 23 डिग्री और 26 मिनट तक झुकी रहती है, जो कि इसके झुकाव की अधिकतम सीमा है। जयपुर में सूर्योदय सुबह 5 बजकर 37 मिनट पर होगा जबकि सूर्यास्त 07 बजकर 19 मिनट पर होगा। इस दौरान मध्यकाल में परछाई भी आपका साथ छोड़ेगी। दरअसल ऐसा सूर्य की कर्क रेखा में स्थिति होने के चलते होगा।
सूर्य के दक्षिणायन स्थिति में रहने के कारण मांगलिक कार्य निषेध माने जाते हैं। सूर्य के दक्षिणायन में विवाह, मुंडन, उपनयन आदि शुभ कार्य निषेध माने जाते हैं। 21 जून को श्रवण नक्षत्र और चतुर्थी तिथि रहेगी।