अंजाम तक पहुंचा आतंक… लेकिन दर्द अभी भी बाकि
जयपुर के दिल को दहलाने वाले आंतकियों को फांसी की सजा हो चुकी है। इसमें सैफुर्रहमान, सरवर आजमी, मोहम्मद सैफ और सलमान शामिल हैं। जिन्होंने साइकिल में बम फिट कर सिलसिलेवार धमाकों को अंजाम दिया था। 11 साल इऩ गुनाहगारों को सजा सुनाई गई थी। जयपुर सीरियल ब्लास्ट के दौरान चांदपोल हनुमान मंदिर , माणक चौक थाना एरिया, मणिहारों का रास्ता एरिया, छोटी चौपड़ सांगानेरी गेट रामचंद्र मंदिर और जौहरी बाजार एरिया में बम प्लांट किए गए थे।
जयपुर के दिल को दहलाने वाले आंतकियों को फांसी की सजा हो चुकी है। इसमें सैफुर्रहमान, सरवर आजमी, मोहम्मद सैफ और सलमान शामिल हैं। जिन्होंने साइकिल में बम फिट कर सिलसिलेवार धमाकों को अंजाम दिया था। 11 साल इऩ गुनाहगारों को सजा सुनाई गई थी। जयपुर सीरियल ब्लास्ट के दौरान चांदपोल हनुमान मंदिर , माणक चौक थाना एरिया, मणिहारों का रास्ता एरिया, छोटी चौपड़ सांगानेरी गेट रामचंद्र मंदिर और जौहरी बाजार एरिया में बम प्लांट किए गए थे।
आस्था के शहर छोटी काशी में आज मंदिर हो गए सूने
जयपुर बम ब्लॉस्ट के दौरान जयपुर के दो प्रमुख मंदिरों को भी इसका निशाना बनाया गया था। इसमें सांगानेरी गेट का हनुमान मंदिर और श्री रामचन्द्र मंदिर शामिल है। परकोटा
में स्थित इऩ दोनों मंदिरों में जयपुर बम ब्लास्ट के बाद हर साल भारी भीड़ लगती थी। इसकी दो वजह यह है कि बम ब्लॉस्ट में मारे गए लोगों की आत्मा की शांति और भगवान के प्रति अपनी आस्था के कारण जयपुर इन मंदिरों में हर साल जुटता है। लेकिन कोरोना संकट के कारण अब जयपुर परकोटे में सन्नाटा पसरा हुआ है और इन दोनों मंदिरों के साथ सभी मंदिर सूने हैं।
जयपुर बम ब्लॉस्ट के दौरान जयपुर के दो प्रमुख मंदिरों को भी इसका निशाना बनाया गया था। इसमें सांगानेरी गेट का हनुमान मंदिर और श्री रामचन्द्र मंदिर शामिल है। परकोटा
में स्थित इऩ दोनों मंदिरों में जयपुर बम ब्लास्ट के बाद हर साल भारी भीड़ लगती थी। इसकी दो वजह यह है कि बम ब्लॉस्ट में मारे गए लोगों की आत्मा की शांति और भगवान के प्रति अपनी आस्था के कारण जयपुर इन मंदिरों में हर साल जुटता है। लेकिन कोरोना संकट के कारण अब जयपुर परकोटे में सन्नाटा पसरा हुआ है और इन दोनों मंदिरों के साथ सभी मंदिर सूने हैं।
महाआरती और पूजा…. इस बार घर पर ही
कई सामाजिक और धार्मिंक संगठनों की ओर से हर साल 13 मई को सांगानेरी गेट हनुमान मंदिर में हजारों दीपकों के साथ महाआरती की जाती रही है लेकिन इस साल यह नहीं होगी। लाॅकडाउन और कोरोना के चलते इस बार मंदिरों को बंद कर दिया गया है। भीड़ को किसी भी सूरत में अनुमति नहीं है। ऐसे में शाम के समय घ्र पर ही दीपकर जलाकर और भगवान से प्रार्थना कर धमाकों का शिकार हुए लोगों की आत्मा शांति की प्रार्थना की जा सकती है।
कई सामाजिक और धार्मिंक संगठनों की ओर से हर साल 13 मई को सांगानेरी गेट हनुमान मंदिर में हजारों दीपकों के साथ महाआरती की जाती रही है लेकिन इस साल यह नहीं होगी। लाॅकडाउन और कोरोना के चलते इस बार मंदिरों को बंद कर दिया गया है। भीड़ को किसी भी सूरत में अनुमति नहीं है। ऐसे में शाम के समय घ्र पर ही दीपकर जलाकर और भगवान से प्रार्थना कर धमाकों का शिकार हुए लोगों की आत्मा शांति की प्रार्थना की जा सकती है।